'गैरों का करम, अपनों का सितम' सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव आजकल इस दर्द से गुजर रहे हैं. सपा सुप्रीमो ने लखनऊ में समाजवादी नेता और चिंतक मोहन सिंह की पुण्यतिथि पर सपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अपना दर्द जाहिर किया.
पिछले दिनों सहारनपुर में पीएम मोदी द्वारा उनकी तारीफ किए जाने पर उन्होंने कहा कि यह समाजवादियों के लिए सम्मान की बात है उन्हें खुश होना चाहिए लेकिन दुख इस बात का है कि मेरे अपने ही कार्यकर्ता मेरा कभी कहीं नाम नही लेते. कभी किसी जिले में बधाई प्रस्ताव तक पास नहीं करता है कि नेताजी ने ये कहा नेता जी ने वो कहा.
मोदी पर झूठे वादे का लगाया आरोप
सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने जनता से झूठ बोलकर उनको ठगा है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने जनता को 15-15 लाख रूपए देने का झूठा वादा किया.
मुलायम ने कहा कि लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के बहकावे में किसान और बेरोजगार आ गए लेकिन आज जनता केंद्र सरकार से निराश है. यही नहीं, मुलायम ने समाजवादियों को एक बार फिर से नसीहत देते हुए कहा कि पार्टी कार्यकर्ता किसी भी तरह के बहकावे में न आएं. महादेव की बारात है मगर सबको साथ लेकर चलना है. उन्होंने कहा, '2017 के विधानसभा चुनाव अब दूर नहीं है. पार्टी कार्यकर्ता जनता के बीच जाएं और सरकार की उपलब्धियों और विकास कार्यों को बताएं.'
मुलायम को है इस बात का मलाल
लोकसभा में 39 के बजाय 5 सांसद वो भी केवल परिवार से रह जाने का मलाल मुलायम सिंह को अभी है लेकिन उन्होंने कहा कि हम पांच भी संसद में सरकार को हिलाने के लिए काफी हैं और हमारे सवालों का जबाब देने के लिए पीएम मोदी को खुद आना पड़ता है.
सपा मुखिया ने कहा, 'हमारी पार्टी में कुछ लोग विचित्र हैं. उन्होंने मेरी तारीफ कर दी तो आपको खुशी होनी चाहिए थी या नाराजगी, इतने बुद्धिहीन लोग हैं हम कहना चाहते हैं. अरे वो कहावत है कि गैर की महफिल में अगर तुम्हारी चर्चा हो जाए तो उससे बड़ा सम्मान क्या है, गैर की महफिल में अगर तुम्हारी चर्चा हो जाए तो इससे बड़ी उपलब्धि क्या है. अगर कोई प्रधानमंत्री होकर मुलायम सिंह की तारीफ कर दे तो इससे ज्यादा सम्मान की बात क्या है.
'...आखिरकार उन्हें माननी पड़ी हमारी बात'
मुलायम ने कहा कि उन्होंने लोकसभा में देखा है हमने उनको फंसाया है और कहा है कि मैं नहीं सुनूंगा किसी की बात जब तक लोकसभा में प्रधानमंत्री नहीं आएंगे और आखिरकार उन्हें हमारी बात माननी पड़ी. बहुत होशियार हैं प्रधानमंत्री.