सैफई महोत्सव के दौरान एक बैठक में मुलायम सिंह यादव ने अपने उस डर का जिक्र किया, जिसने उन्हें 2014 में खूब सताया था. को-ऑपरेटिव समुदाय के लोगों से बात करते हुए मुलायम ने कहा कि वह आजमगढ़ से लोकसभा चुनाव लगभग हार गए थे, लेकिन उनके परिवार के नेताओं ने उनके लिए जमकर मेहनत की और वह जीते.
सपा प्रमुख ने मंगलवार शाम कहा, 'मैं आजमगढ़ से चुनाव लगभग हार गया था. लेकिन राम गोपाल यादव, शिवपाल यादव, धर्मेंद्र यादव और कुछ अन्य नेताओं ने मुझे बचा लिया.'
'मुझे बहुत बुरा लगता है'
मुलायम ने अपनी बात रखते हुए कहा, 'मुझे बहुत बुरा लगता है जब कोई यह कहता है कि मैं अपने परिवार के नेताओं को राजनीति में वरीयता देता हूं. मैं यह कहना चाहता हूं कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए मेरे दिल में खास जगह है. लेकिन मैं 2014 में लोकसभा चुनाव हार रहा था. मेरे परिवार के नेताओं ने उस वक्त दिनरात जमकर मेहनत की और मेरी जीत सुनिश्चित की.'
बीजेपी पर हमला
सपा प्रमुख ने बीजेपी पर धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी और आरएसएस ने धर्म का जाल बुना. उन्होंने लोगों के बीच यह बात पहुंचाई कि अगर सपा जीतती है तो राज्य में मुसलमानों का राज होगा और अगर नरेंद्र मोदी जीते तो हिंदुओं का. यही कारण रहा कि उनकी पार्टी को राज्य में 80 में से सिर्फ पांच सीटें मिली.
बीजेपी के रमाकांत यादव से 60 हजार वोटों से चुनाव जीतने वाले मुलायम ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने चुनावी भाषणों में कई वादे किए, लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद वह सब कुछ भूल गए हैं.