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मुलायम का असली बाहुबली, जो बात प्रतीक में.. वह अखिलेश में कहां?

समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव के उत्तराधिकार को लेकर पिछले दिनों जारी जंग में अब सारी ताकत अखिलेश के पास चली गई हो, लेकिन मुलायम के असली बाहुबली उनके छोटे बेटे प्रतीक यादव साबित हो रहे हैं. कभी खुद पहलवान रहे मुलायम की इस विरासत को उनके बेटे प्रतीक यादव बखूबी आगे ले जा रहे हैं. राजनीति से दूर रहने वाले प्रतीक का ज्यादातर जिम में कसरत करते ही बीतता है.

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जिम में कसरत करते प्रतीक यादव
जिम में कसरत करते प्रतीक यादव

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समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव के उत्तराधिकार को लेकर पिछले दिनों जारी जंग में अब सारी ताकत अखिलेश के पास चली गई हो, लेकिन मुलायम के असली बाहुबली उनके छोटे बेटे प्रतीक यादव साबित हो रहे हैं. कभी खुद पहलवान रहे मुलायम की इस विरासत को उनके बेटे प्रतीक यादव बखूबी आगे ले जा रहे हैं. राजनीति से दूर रहने वाले प्रतीक का ज्यादातर जिम में कसरत करते ही बीतता है.

अब प्रतीक यादव का एक वीडियो सामने आया है, जिसे देखकर लगता है कि उन्होंने वेटलिफ्टिंग की दुनिया में अपना और अपने परिवार का नाम रोशन करने की पूरी तैयारी कर ली है. वीडियो में प्रतीक यादव 260 किलोग्राम का वजन उठाते दिख रहे हैं. इस तस्वीर को देखकर तो लोग यही कहेंगे कि जो बात मुलायम के छोटे बेटे में हैं, वह बड़े बेटे अखिलेश में नहीं.

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तो इस तरह कसरत बना प्रतीक का शौक
मुलायम पुत्र प्रतीक यादव ने आजतक संवाददाता बालकृष्ण से खास बातचीत में कसरत को लेकर अपनी इस रुचि को लेकर विस्तार से बात की. प्रतीत बताते हैं, 'बचपन में मुझे निमोनिया हुआ था. जान जाने की हालत हो गई थी, स्टेरॉयड का इंजेक्शन लगा और उसके बाद मेरा वजन 100 किलो से भी ज्यादा हो गया था. बाद में वजन ठीक करने के लिए मैंने कसरत शुरू किया और तभी से यह शौक बन गया.'

बचपन में दांव सिखाते थे नेताजी
प्रतीक इसके साथ ही बताते हैं उनके पहलवान पिता मुलायम ने भी बचपन में उन्हें कुछ दांव सिखाया है. वह कहते हैं, 'नेता जी से कभी पंजा तो नहीं लड़ाया, लेकिन बचपन में पिता जी कहा करते थे कि तुम बहुत मोटे और अनहेल्थी हो. बचपन में वह दांव सिखाते थे और सिखाते-सिखाते गिरा दिया करते थे.'

लैंबोर्गिनी कार खरीदना था सपना
पिछले दिनों प्रतीक यादव की Lamborghini कार काफी सुर्खियों में रही थी. इसे लेकर प्रतीक बताते हैं कि यह कार खरीदना उनका 10 साल पुराना सपना था. आजतक से इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'जब मैं कॉलेज में था तब पहली बार इस कार के बारे में पता चला और तभी से सोचा था कि यही कार खरीदूंगा. जब मैंने पहली बार यह कार देखी थी, तभी सोच लिया था कि अपना काम बढ़ाऊंगा, इतनी मेहनत करूंगा कि ये कार खरीद सकूं.' वह बताते हैं, 'लोगों ने इस पर मेरा मजाक भी उड़ाया, तो फिर मैंने 10 साल बाद के सपने के तौर पर हवाई जहाज की फोटो डाल दी.

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मुझे लेकर लोगों की सोच गलत
प्रतीत यादव कहते हैं, 'मेरे बारे में भी बहुत से लोग सोचते हैं कि घमंडी होगा, लेकिन जब लोग मुझसे मिलते हैं तो उनके विचार बदल जाते हैं.' इसके साथ ही वह बताते हैं, 'मेरे पास दो इटेलियन चीजे हैं. एक इंटैलियन गाड़ी मेरे पास है और दूसरे जिम का जो ब्रांड देख रहे हैं वह भी इटैलियन है- टेक्नो जिम, इसके मशीन वर्ल्ड में सबसे अच्छे मने जाते हैं. ओलम्पिक में लोग इन्ही मशीन से ट्रेंड किये जाते हैं. नेता जी ने इस जिम का उद्घटान किया था और सुशील कुमार रेसलर ने इसका उद्घाटन किया था.'

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