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UP: अब 'बीफ वॉर' में कूदीं मुलायम की छोटी बहू

गाय और बीफ पर होने वाली राजनैतिक बयानबाजी में अब मुलायम परिवार की बहू भी शामिल हो गई हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने पर समाजवादी पार्टी में विवादों में घिरी चुकीं अपर्णा यादव ने इस बार बीफ खाने को अमीरों का शौक बताया है.

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अपर्णा यादव की फाइल फोटो
अपर्णा यादव की फाइल फोटो

गाय और बीफ पर होने वाली राजनैतिक बयानबाजी में अब मुलायम परिवार की बहू भी शामिल हो गई हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने पर समाजवादी पार्टी में विवादों में घिरी चुकीं अपर्णा यादव ने इस बार बीफ खाने को अमीरों का शौक बताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि गरीबों के बीच गोहत्या के मुद्दे पर आग भड़काने वाले दरअसल वही अमीर हैं, जो खुद अपनी थाली में गाय का मांस परोसते हैं.

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यहां बता दें कि अपर्णा यादव समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक की पत्नी हैं. पिछले ही साल PM मोदी की तारीफ करने और उनकी तुलना महात्मा गांधी से करने पर पार्टी में उनकी खासी किरकिरी हुई थी. इस बार बीफ पर बयान देकर उन्होंने एक नया बवाल उठा दिया है. अपर्णा ने ट्वीट कर बीफ पर बवाल के लिए अमीरों को जिम्मेदार ठहराया है.

अपर्णा ने अपने ट्वीट में लिखा, 'गाय हमारी मां के समान है और इसका मांस खाना जायज बात नहीं. गरीबों के बीच गाय को काटने पर जो लोग आग भड़काते हैं, ये वही अमीर हैं जो अपनी थाली में गोमांस परोसते हैं.'

दरअसल, अपर्णा का ये ट्वीट मीडिया के उस खुलासे की प्रतिक्रिया के तौर पर आया था, जिसके तहत दिल्ली के चंद पांच सितारा होटलों में गोमांस को खुलेआम परोसते दिखाया गया है. ट्वीट के आखिरी हिस्से में अपर्णा ने उन अमीरों पर तंज किया है जो गोहत्या के खिलाफ यूं तो किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं पर खुद अपनी थाली में गोमांस परोसने से परहेज नहीं करते.

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इस बयान पर फेसबुक से लेकर ट्विटर तक पर तमाम प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं, जिसके बाद अपर्णा ने अपनी सफाई भी पेश की. उन्होंने फेसबुक पर लिखा, 'अगर अमीरों के पैसों से गाय का मांस खाया जाएगा तो हिंदुस्तान कल तालिबान कहलाएगा. मेरा ये बयान किसी विशेष धर्म पर टिप्पणी नहीं है. हमें अपनी मां का संरक्षण करना ही पड़ेगा.'

उनके बयान पर बीजेपी ने उन्हें निशाने पर लिया है. यूपी बीजेपी के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई के मुताबिक अपर्णा के इस ट्वीट के निशाने पर विपक्ष के वे नेता हैं, जिन्होंने दादरी मामले को तूल देकर अपनी राजनीति चमकाई थी. जाहिर है प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष विपक्ष और खासतौर पर समाजवादी पार्टी के उन नेताओं की ओर इशारा कर रहे हैं, जिन्होंने दादरी कांड पर बीजेपी को कटघरे में खड़ा किया और बाद में मृतक अखलाक के परिवार को घर, सरकारी नौकरी और 45 लाख रुपये बतौर मुआवजा दिलवाया.

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