मशहूर शायर मुनव्वर राना की तबीयत ठीक नहीं हैं, जिसके बाद उन्हें लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया है. आप नेता और मशहूर कवि कुमार विश्वास ने इस बात की जानकारी ट्वीट करके दी. आपको बता दें कि मुनव्वर राना कैंसर से पीड़ित हैं, और उनके कुछ समय पहले ही घुटनों का ऑपरेशन भी हुआ था. 64 वर्षीय राना 'मां' को लेकर लिखी गई अपनी दिल जीतने वाली शायरी के लिए जाने जाते हैं.
बड़े भाई और शायर @MunawwarRana जी लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती हैं। ईश्वर से उनके शीघ्र स्वस्थ होने और लंबी उम्र की प्रार्थना है। 🙏
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) June 5, 2017
2015 में उनके गले में कैंसर की शिकायत आई थी. आपको बता दें कि मुनव्वर को डायबिटीज भी है. उनका शुगर लेवल लगातार बढ़ता रहता है. मुनव्वर राना को 2014 में ही किताब 'शहदाबा' के लिए उर्दू के साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया था. वह मां पर लिखे शेरों के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं. इसके अलावा उन्होंने अल्पसंख्यकों के हालात बयान करती और सियासत को आइना बताती गजलें भी खूब कही हैं.
पढ़ें मां के बारे में कही गई, मुनव्वर राना की 10 दुआएं...
1. वे कहते हैं कि जब वाल्मीकि एक दस्यु होकर बाद में रामायण रच सकते हैं तो कोई भी सुधर सकता है.
2. बचपन में वे नींद में चलने के आदती थे. उनकी इस आदत से मां बहुत परेशान रहा करती थी.
3. उनकी मां उनकी नींद में चलने की आदत पर परेशान होकर दूर कहीं कुएं के किनारे दुआ करती रहतीं.
4. वे बचपन में बेहद गरीबी से गुजरे. खानपान के लिए उन्हें नानी के घर भेज दिया जाता था.
5. वे कहते हैं कि जब राम के महबूब हो सकते हैं तो मां मेरी महबूबा क्यों नहीं हो सकती.
6. पहले हम गाय को मां समझा करते थे अब मां को गाय समझने लगे हैं.
7. अब घरों में गाय की जगह मारुति खड़ी करने लगे हैं. वे किसी भी ओल्ड एज होम को गिरा देना ही अपनी उपलब्धि मानेंगे.
8. मां की ताकत को वे हमेशा से ही सबसे ऊपर मानते हैं. मां किसी भी तरह के विवाद का पहले ही निपटारा कर देती है.
9. शायर का काम तो इशारा करना है. समझने का काम तो जनता करती है.
10. वे कहते हैं कि शायर का काम शायरी करना है और उसे जन-जन तक पहुंचाने का काम डाकिए का है.