अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की पैरवी करने वाले शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने जा रहे हैं. सोमवार को उन्होंने राष्ट्रीय शिया मुस्लिमों की एक बड़ी राजनीतिक पार्टी के गठन का ऐलान किया. वसीम रिजवी के इस कदम को मुसलमानों में दो फाड़ होने के तौर पर देखा जा रहा है.
शिया मुसलमानों की अलग राष्ट्रीय पार्टी बनने से तय है कि मुसलमानों में भी अब दो अलग धड़ों की तरह वोटों का बंटवारा होगा. दिल्ली के इस्लामिक कल्चरल सेंटर में पार्टी की औपचारिक घोषणा करते हुए वसाम रिजवी ने बताया कि अपनी ही कौम में दोयम दर्जे के व्यवहार से आहत होकर उन्होंने इस पार्टी की शुरूआत की है. इससे पार्टी के जरिए शिया मुसलमानों के हितों की लड़ाई लड़ी जाएगी.
ये भी पढ़ें: शिया वक्फ बोर्ड की पहल- विवादित स्थल पर विराजें रामलला, थोड़ी दूर पर बने मस्जिद
इंडियन आवामी लीग नाम की इस नई पार्टी के तहत सोलह राज्यों मे अध्यक्ष भी नियुक्त कर दिए गए जिनकी घोषणा की गई. उत्तर प्रदेश के 45 जिलों में पार्टी के जिलाध्यक्षों की भी नियुक्ति की गयी है. दिल्ली, गोवा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार समेत कई अहम राज्यों में पार्टी के अध्यक्षों की नियुक्ति की गई है.
हर राज्य में शिया मुसलमानों के बीच से बड़े चेहरों को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. आने वाले चुनावों में पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव लड़ने की तैयारी करेगी. देशभर में मुसलमानों की कुल आबादी में बीस प्रतिशत शिया मुसलमान और बाकी सुन्नी मुस्लिम हैं, ऐसे में पार्टी आने वाले चुनावों में निर्णायक भूमिका निभा सकती है.