अलीगढ़ पुलिस और प्रशासन के लिए ईसाइयत और इस्लाम धर्म के सैकड़ों लोगों की घर वापसी का मामला प्रशासन के गले की हड्डी बन गया है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की धर्म जागरण समिति ने 25 दिसंबर को सैकड़ों लोगों की घर वापसी का कार्यक्रम रखा है. इससे पहले आजतक को धर्म जागरण समिति के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी राजेश्वर सिंह का एक पत्र मिला है. इस पत्र में ईसाई से हिन्दू बनाने के लिए दो लाख और मुसलमान से हिन्दू बनाने के लिए पांच लाख रुपयों की बात की गई है. यह पत्र राजेश्वर सिंह ने अलीगढ़ धर्म जागरण समिति के विभाग संयोजक सत्य प्रकाश नवमान को लिखा है.
समिति के पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी राजेश्वर सिंह ने पत्र की बात स्वीकारते हुए कहा, 'पूरे साल जो लोग हिंदू धर्म में वापिस होते है, उनका हमने 25 दिसम्बर को एक आयोजन रखा है, जिन्होंने हमारे और आर्य समाज के प्रयासों से ईसाइयत और इस्लाम धर्म को छोड़कर हिन्दू धर्म को अपनाया हैं.'
दूसरी ओर धर्म जागरण समिति के विभाग संयोजक सत्य प्रकाश नवमान ने कहा, 'पैसे से सामग्री छपती है और कार्यकर्ताओं का यात्रा खर्च होता है. ये धर्मांतरण नहीं है. अगर मैं मुसलमान बनूं या इमाम बुखारी हिंदू बनें, लेकिन धर्मांतरण हो चुके लोगों को घर वापिस लाना धर्मांतरण नहीं है.
सवाल जवाब पर आक्रोश जताते हुए राजेश्वर सिंह ने कहा, 'ईसाई और मुसलमान अगर हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन करा सकते है, तो हम क्यों नहीं करा सकते, अगर धर्मांतरण होगा, तो पुनः धर्मांतरण भी होगा. आपको पूछने का कोई अधिकार नहीं है. आप जांच मत कीजिए. आप न्यायालय मत बनिए. आप ने हमें कुछ दिया है? अगर नहीं, तो कौन होते है आप? आपको पत्र मिला सिर्फ इतना ही बहुत है, हमारा ट्रस्ट है और उसका हिसाब हम सरकार को देते है.'
पूरे वाकये पर अलीगढ़ से समाजवादी पार्टी के विधायक ठाकुर राकेश सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा, 'अच्छे दिन लाने की बजाय अब पब्लिक का ध्यान बंटाने के लिए धर्मांतरण का जहर घोल रहे है. अखिलेश सरकार ऐसे लोगों के मंसूबे सफल नहीं होने देगी.'
अलीगढ़ की पुलिस और प्रशासन अभी तक राजेश्वर सिंह को तलाश पाई है. हालांकि राजेश्वर कई दिन से अलीगढ़ में रहकर इस पूरे कार्य को अंजाम दे रहे हैं. सवाल करने पर प्रशासन किसी तरीके की शिकायत ना होने बात कहकर पल्ला झाड़ लेता है.