उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन महिलाओं की सुरक्षा को लेकर किस कदर संजीदा है, उसकी एक दिल दहला देने वाली बानगी सामने आई है. साल 2013 में मुजफ्फरनगर दंगे के वक्त सुरक्षा के लिहाज से एक परिवार को बागपत जिले के अंबेटा गांव भेजा जाता है. अब इसे अखिलेश सरकार की दुर्बलता कहिए या कुछ और दो साल बाद अब पीड़ित परिवार की नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप की खबर सामने आई है, वह भी उसी गांव से जहां कभी उसे सुरक्षा की गारंटी दी गई थी.
जानकारी के मुताबिक, गैंगरेप का आरोप अंबेटा गांव के ही तीन लड़कों पर है. 14 साल की यूपी की इस बेटी को खुद को इंसान कहने वाले दरिंदों ने पहले नोंचा और फिर जब वह अचेत हो गई तो छोड़कर फरार हो गए. 'दबंगों की नगरी' यूपी में इस वारदात के लिए पूर्व ग्राम प्रधान जहीर के बेटे जुल्फाम और उसके दो दोस्तों को आरोपी बताया जा रहा है.
विरोध करने पर परिवार से मारपीट
सर्कल ऑफिसर एनपी सिंह ने शनिवार को बताया कि पुलिस ने आईपीसी की धारा 376(डी) के तहत जुल्फाम और दो युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. शिकायतकर्ता के भाई के मुताबिक, लड़की खेत पर गई हुई थी और अपने घर लौट रही थी, तो तीनों लड़कों ने उसे रास्ते में दबोच लिया और उसके साथ घिनौनी वारदात को अंजाम दिया.
इतना ही नहीं, लड़की के परिवार के सदस्यों ने जब घटना का विरोध किया तो उनके साथ मारपीट भी की गई. लड़की को मेडिकल परीक्षण के लिए भेज दिया गया है.