मुजफ्फरनगर दंगों की जांच कर रही एसआईटी टीम ने गुरुवार को कोर्ट में पहली चार्जशीट दाखिल की, जिसमें बीजेपी के विधायक सुरेश राणा और कुंवर भारतेंद्र सहित 11 लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किए गए.
वहीं बीएसपी से मंत्री रहे योगराज सिंह और कांग्रेस के पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक सहित 11 लोगों पर अभी विवेचना चल रही है. नगला मंदौड़ में 31 अगस्त की पंचायत में भड़काऊ भाषण देने और धारा 144 का उल्लंघन करने को लेकर SIT कि टीम ने मुजफ्फरनगर में ACJM कि कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है.
बीजेपी विधायक सुरेश राणा, कुंवर भारतेंद्र, उमेश मालिक, विरेंदर कुतुबपुर, डॉ संजीव बालियान, कल्लू, योगेश, सचिन, रविंद्र और शिव कुमार समेत 11 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है.
इसके अलावा पूर्व विधायक अशोक कंसल, पूर्व सांसद सोहनवीर सिंह, पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक, पूर्वमंत्री योगराज सिंह, कपिल देव अगरवाल, यशपाल पवार, अशोक कटारिया, साध्वी प्राची आर्य, आर्य नरसिंह मुनि, श्यामपाल चेयरमेन और बिट्टू के खिलाफ अभी विवेचना चल रही है, जबकि चार्जशीट कोर्ट में दाखिल करने पर बीजेपी विधायक सुरेश राणा ने दो टूक में जवाब दिया कि SIT की टीम भी उसी के लोगों की बनाई हुई है, जिसने हम पर मुक़दमे दर्ज कराए थे और हम पर रासुका लगवाई थी. हमारे खिलाफ मुकदमा केवल और केवल सरकार ने अपनी खीज मिटाने के लिए किया है.