उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार है, अपने चुनावी वादों के साथ-साथ सपा ने ये भी ऐलान किया था कि उत्तर प्रदेश में इलाज के अभाव में कोई मौत नहीं होगी. लेकिन सपा विधायक शमिमुल हक के पैत्रक इलाके ‘भोजपुर पेपल्साना’ में लगभग 20 मौतें हो चुकी हैं वो भी इलाज के अभाव में. यही नहीं यहां करीब 5 हजार लोग इस रहस्यमय बुखार से पीड़ित हैं.
इस इलाके में पिछले 15 दिनों से एक रहस्यमयी बुखार मौत बांट रहा है. यहां के सैकड़ों पीड़ित अपने परिजनों का इलाज करा रहे हैं, प्राइवेट डॉक्टर भी अपना क्लीनिक खोले हुए हैं, मगर उनके क्लीनिक में जगह सीमित है. मरीज इतने हैं कि उनका इलाज चारपाई पर और पेड़ों पर ड्रिप लटकाकर किया जा रहा है.
रहस्यमयी बुखार से पीड़ित परिजन मुरादाबाद के जिला अधिकारी संजय कुमार से हाथ जोड़कर मीडिया के सामने अपील कर रहे हैं कि आप हमारा ध्यान रखो. जब आज तक ने रात में भोजपुर के सरकारी अस्पताल का रुख किया तो वहां का नजारा बेहद डरावना था. आज तक के रिपोर्टर ने खुद अपने हाथों से वहां का गेट खोला और अन्दर दाखिल हो गए. वहां दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा था. लेकिन जैसे ही आज तक डॉक्टर साहब की टेबल पर पहुंचा तो डॉक्टर साहब (आरिफ रशीद) की टेबल पर कुत्ते बैठे हुए थे.
अस्पताल के अंदर अन्दर दो ‘आशा’ रोशन जहां और नाजिश मौजूद थीं, लेकिन वो भी हैरान परेशान थी. उन्हें ये तक नहीं पता था कि कौन नर्स है कौन डॉक्टर. जब डॉक्टर साहब को तलाशा गया तो एक कमरे में आराम से बैठे हुए मिल गए और पूरे सरकारी तंत्र की कमियां बताने लगे. बहरहाल भोजपुर के हालात खराब हैं और प्रशासन द्वारा कोई इलाज का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया तो परिणाम और भी भयानक हो सकते हैं.
यहां के लोगों के अनुसार यहां प्रदूषण बहुत ज्यादा है. यहां का न पानी अच्छा है न हवा सांस लेने लायक. हुसैन चौधरी नाम का एक व्यक्ति जो अपने परिजन का इलाज करवा रहा हैं, ने बताया कि कोई इस बुखार को वायरल कह रहा है तो कोई डेंगू और मलेरिया बता रहा है. हुसैन ने बताया कि उनके परिवार में उनकी मां और दोनों बहनें बीमार हैं. हुसैन मीडिया के माध्यम से ही डीएम से प्रार्थना करने लगते हैं, ‘मैं हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं कि हमारे भोजपुर की तरफ ध्यान दें, यहां जितने भी गंदगी वाले काम हो रहे हैं वो सब बंद होने चाहिए.’
इलाके के एक प्राइवेट डॉक्टर अंजार का कहना है कि यहां वायरल इन्फेक्शन फैल रहा है, कुछ मामले डेंगू के भी हैं. मरीजों के अंदर प्लेटलेट्स तेजी से कम हो रहे हैं. डेंगू का टेस्ट महंगा होने की वजह से कई लोग टेस्ट करा भी नहीं पाते. अगर किसी के प्लेटलेट्स 20 हजार से कम हो जाते हैं तो उन्हें दिल्ली रेफर कर दिया जाता है. डॉक्टर अंजार ने बताया कि उनके पास रोज 150 मरीज आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि यह स्थिति पिछले 15 दिनों से बनी हुई है. डॉक्टर अंजार ने बताया कि यहां कोई घर ऐसा नहीं है, जहां लोग बीमार नहीं हैं, कम से कम 5 हजार लोग यहां बीमार हैं.
सरकारी डॉक्टर आरिफ रशीद का कहना है कि यहां ज्यादातर लोगों को बरसात के मौसम की वजह से वायरल फीवर है. हालांकि उन्होंने कुछ मामले मलेरिया और डेंगू के होने से भी इंकार नहीं किया. उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पताल में रोज 30 से 40 मरीज आ रहे हैं. 4 डॉक्टरों की टीम ऐसे मरीजों को देखने में लगायी गई है.