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चंदौली में दो गांव के लोग एक-दूसरे पर फेंकते हैं पत्थर, जानें वजह

नागपंचमी के खास मौके पर बीसूपुर- महुआरीखास गांव में लोग पुलिस की मौजूदगी में एक दूसरे पर पत्थर बरसाते हैं. यहां रहने वाले लोगों की मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन ऐसा करने से दोनों गांवों में महामारी नहीं आती और सूखा नहीं पड़ता. इसमें युवाओं के साथ बड़ी संख्या में गांव की महिलाएं व युवतियां भी शामिल होती हैं.

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नागपंचमी पर दो गांव वाले एक-दूसरे पर फेंकते हैं पत्थर (फोटो-आजतक)
नागपंचमी पर दो गांव वाले एक-दूसरे पर फेंकते हैं पत्थर (फोटो-आजतक)

उत्तर प्रदेश के चंदौली में बरसों से एक लोक मान्यता चली आ रही है. जिसे निभाने के लिए बिसुपुर व महुआरीखास गांव के लोग एक दूसरे पर पत्थर बरसाते हैं.  नाग पंचमी के दिन होने वाली इस पत्थर मार परंपरा के पीछे लोगों की मान्यता है कि ऐसा करने से उनके गांव में सूखा नहीं पड़ता और महामारी नहीं आती. वर्षों से चली आ रही इस परंपरा का बखूबी निर्वहन आज भी ग्रामीण कर रहे हैं.

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चंदौली जिले के बीसूपुर- महुआरीखास गांव में लोग पुलिस की मौजूदगी में एक दूसरे पर पत्थर बरसाते हैं. यहां रहने वाले लोगों की मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन ऐसा करने से  दोनों गांवों में महामारी नहीं आती और सूखा नहीं पड़ता. इस परंपरा के निर्वहन में युवाओं के साथ बड़ी संख्या में गांव की महिलाएं व युवतियां भी शामिल होती हैं. पुलिस प्रशासन की सक्रियता के वजह से सिर्फ दोनों गांवों में परंपराओं निर्वहन किया जाता है. ताकि दोनों गांवों में कोई अप्रिय घटना न हो सकें. 

इसे देखने के लिए आसपास व दूरदराज के गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचते हैं. साथ ही कोई अप्रिय घटना न हो, इसे लेकर बड़ी संख्या में पुलिस, पीएसी के जवान मौके पर तैनात रहते हैं. 

वैज्ञानिक और आधुनिक युग में भी इस तरह की परंपरा यहां चली आ रही है. जिसको देखते हुए अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस पत्थर मार परंपरा के बदले दोनों गांव के बीच खेलकूद के आयोजन के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा.

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