देश की राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 58 में पार्क में नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी गई है. एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए नोएडा सेक्टर 58 की पुलिस चौकी अधिकारी ने आदेश जारी किया है कि यहां के पार्क में किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधि की अनुमति नहीं है, इसमें शुक्रवार को अदा की जाने वाली नमाज़ भी शामिल है.
ये पार्क अथॉरिटी का है. बताया जा रहा है कि यहां 10-15 लोग नमाज़ पढ़ने आते हैं लेकिन जब करीब 200 लोग नमाज पढ़ने आए तो यहां घूमने वाले लोगों ने पुलिस में शिकायत कर दी. नमाज़ पढ़ने वाले लोगों ने सिटी मजिस्ट्रेट से भी इजाजत मांगी, लेकिन इजाजत नहीं मिली थी.
स्थानीय पुलिस का कहना है कि पार्क के आसपास मौजूद कंपनियों को इस बारे में सूचित कर दिया गया है. उनकी कंपनी में मौजूद मुस्लिम लोगों के लिए नमाज़ अदा करने के लिए जगह मुहैया कराई जाए और ये भी सूचना दे दें कि खुले पार्क में नमाज़ अदा ना करें.
दरअसल, 19 दिसंबर को सेक्टर-58 के पार्क में नमाज पढ़ने पर नौमान अख्तर समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. शनिवार को दोनों जमानत पर बाहर आए हैं. पुलिस का कहना है कि ये दोनों जबरन पार्क में नमाज पढ़ना चाहते थे, जो कि कानून का उल्लंघन है.
आदेश पर विवाद होने के बाद नोएडा पुलिस का कहना है कि ये एक शिकायत पर लिया गया फैसला है, इससे किसी को कोई परेशानी नहीं है. इलाके में शांति का माहौल है. दरअसल, पार्क में किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधि पर रोक है. इसमें नमाज या किसी तरह का जागरण भी शामिल है.
Ajay Pal,SSP,Noida: Few people had asked for permission for religious prayers in a park in Sec 58. In spite of no permission granted from city magistrate office people congregated.The companies in the area were informed about it.The info is not specific to any particular religion pic.twitter.com/qxv2ryoyqs
— ANI UP (@ANINewsUP) December 25, 2018
पुलिस ने अपने आदेश में कहा है कि यहां मौजूद कंपनियां अपने कर्मचारियों को इस आदेश के बारे में सूचित कर दें. अगर दोबारा कोई व्यक्ति पार्क में नमाज़ पढ़ता हुआ पाया गया, तो इसकी जिम्मेदारी कंपनी की होगी.
शुरू हुई राजनीतिक बयानबाजी
इस आदेश पर सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है. बीजेपी प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन ने कहा कि इस मुद्दे को राजनीति से नहीं जोड़कर देखना चाहिए. स्थानीय प्रशासन ने एक शिकायत पर ये फैसला लिया है, ये लॉ एंड ऑर्डर का मसला है.
वहीं समाजवादी प्रवक्ता सुनील यादव ने कहा कि हम कंपनियों से अपील करते हैं कि वह मुस्लिम कर्मचारियों के लिए नमाज पढ़ने के लिए जगह मुहैया कराए. अगर ऐसा नहीं हो सकता तो कुछ समय का ब्रेक दिया जाए ताकि मस्जिद जाकर नमाज पढ़ सकें.
गौरतलब है कि इससे पहले भी हरियाणा के गुरुग्राम में खुले में नमाज पर इसी तरह का आदेश जारी किया गया था, इसके अलावा कुछ हिंदू संगठनों ने भी खुले में नमाज़ पढ़ जाने का विरोध किया था.