नरेंद्र मोदी ने अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पूर्वांचल में BJP को बड़ी कामयाबी दिलाने की कवायद तेज कर दी है. वाराणसी रैली के दौरान नरेंद्र मोदी ने 'सियासी तीर' चलाते हुए कहा कि लोग केंद्र की यूपीए सरकार को सत्ता से हटाने के लिए बेताब हैं.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2014 के चुनाव का नेतृत्व कोई एक व्यक्ति करने वाला नहीं है. यह चुनाव देश की जनता लड़ने वाली है, देश के मतदाता चुनाव लड़ने वाले हैं. उन्होंने कहा कि जनता दिल्ली की मौजूदा सत्ता को उखाड़ फेंकने के लिए एग्रेसिव हो रही है.
बनारस की गौरवशाली धरती को नमन करते हुए मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान की चर्चा गंगा मइया की चर्चा के बिना अधूरी है. औरों के लिए गंगा एक नदी हो सकती है, लेकिन हमारे लिए गंगा मां है. उन्होंने कहा कि गंगा केवल पानी की धारा नहीं है, यह हमारी संस्कृती की धारा है.
नदी की सफाई योजनाओं में भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इस गंगा की सफाई के लिए न जाने कितनी योजनाएं बनी, न जाने कितने रुपये खर्च किए गए, कितनी कमेटियां बनाई गईं, लेकिन पता नहीं चल रहा है कि गंगा के अंदर ये रुपये भी बह जा रहे हैं क्या?
मोदी ने आरोप लगाए कि तीन मीटिंग के सिवाए दिल्ली की केंद्र सरकार ने और कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा कि गंगा के नाम पर देश की तिजोरी से हजारों करोड़ निकाले गए. उन्होंने केंद्र से सवाल किए, 'जनता जवाब मांगती है कि शुद्धिकरण के लिए आपने क्या किया, कब किया, किस-किस के लिए किया?'
उन्होंने कहा कि गंगा के नाम पर देश के नागरिकों को मूर्ख बनाया गया है. उन्होंने रैली में आए लोगों से सवाल किया कि क्या गंगा की सफाई जैसे पवित्र काम में भी लूट का पाप करने वालों को फिर से सरकार में आने देना चाहिए?
मोदी ने कहा, 'हम खोखले वादे करने वाले लोग नहीं हैं. हम वादे नहीं, इरादे लेकर आए हैं. देश वादों से ऊब चुका है. देश ने उपदेश भी बहुत सुने हैं. आज धरती पर सच्चाई उतारने का समय आ गया है.'
मोदी ने कहा कि कुछ लोग सोचते हैं कि हिंदुस्तान की राजनीति में यूपी का महत्व इसलिए है कि यूपी के बिना किसी दल की सरकार नहीं बन सकती. यह सोच यूपी का अपमान है. उन्होंने सवाल किए, 'क्या यूपी का उपयोग सिर्फ सांसदों का नंबर बढ़ाने के लिए है? क्या इसका उपयोग केवल सरकारें बनाने के लिए है?'
मोदी ने दावा किया कि उनकी सोच इतनी सीमित नहीं है. उन्होंने कहा कि सवाल सरकार का नहीं है. यदि हिंदुस्तान को स्थिरता चाहिए, तो यह यूपी के बिना असंभव है. यूपी के विकास के बिना देश का विकास संभव नहीं है. यूपी में बेरोजगारी, भूख मिटाए बिना हिंदुस्तान की भूख कभी नहीं मिट सकती है. उन्होंने अपील की कि यूपी को सिर्फ सांसदों की संख्या के साथ न जोड़ा जाए. यूपी समृद्ध भारत की धरोहर बन सकता है.
मोदी ने बनारसी साड़ी का जिक्र करते हुए कहा कि यह साड़ी केवल महिलाओं की इज्जत बचाने के लिए ही नहीं, बल्कि हिंदुस्तान की आर्थिक लाज बचाने के लिए भी है. उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों ने इतने बड़े उद्योग को बर्बाद करके रख दिया है. उन्होंने कहा कि सूरत में भी पावरलूम का बड़ा काम है. एक समय सूरत में पावरलूम की आवाज ज्यादा रहती थी, आज पूरे पावरलूम सेक्टर को अपग्रेड किया गया है.
दरअसल, मिशन 2014 में लगे नरेंद्र मोदी का सबसे बडा़ टारगेट यूपी ही है. वाराणसी की सभा में तैयार किए गए 80 फुट के मंच से मोदी ने सिर्फ बनारस ही नहीं, बल्कि एक तरह से समूचे पूर्वांचल के लोगों को संबोधित किया. इस इलाके में लोकसभा की 14 सीटों पर मोदी की नजर है.
मोदी की वाराणसी रैली की खास बात यह है कि वे सिर्फ रैली करके ही नहीं लौटेंगे. रैली से पहले मोदी ने संकटमोचन मंदिर में पूजा की. इसके बाद उन्होंने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए. साफ है कि मोदी का एजेंडा वाराणसी के जरिए एक बार फिर यूपी की राजनीति में 'हिन्दुत्व घोलना' हो सकता है.
मोदी के लिए यूपी एक चुनौती है, क्योंकि चार राज्यों के चुनावों में जिन तीन राज्यों में बीजेपी ने परचम फहराया, वहां मोदी को 'विजय का सेनापति' किसी ने नहीं माना है. सभी कह रहे हैं कि यदि मोदी को तमगा चाहिए, तो हारे हुए मैदानों से 'हीरा' लाकर दिखाए. शायद इसीलिए मोदी सदमे से उबरने के लिए शंकर का सहारा मांगने बनारस पहुंचे.