बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में नरेंद्र मोदी की रैली के लिए मंच पूरी तरह सज चुका है. पांच राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद पूर्वांचल में मोदी की पहली रैली है.
रैली की जगह है वाराणसी के राजा तालाब का खजूरी मैदान, जहां इंदिरा गांधी से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तक सभाएं कर चुके हैं. बहरहाल, मोदी को सुनने के लिए रैली में भारी भीड़ जुट चुकी है. लोग बेसब्री से मोदी का भाषण शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं.
मिशन 2014 में लगे मोदी का सबसे बडा़ टारगेट यूपी ही है. वाराणासी की इस सभा में तैयार किए गए 80 फुट के मंच से मोदी सिर्फ बनारस ही नहीं, समूचे पूर्वांचल के लोगों को संबोधित करना चाहते हैं. इस इलाके में लोकसभा की 14 सीटों पर मोदी की नजर है.
नरेंद्र मोदी की वाराणसी रैली की खास बात यह है कि वे सिर्फ रैली करके ही नहीं लौटेंगे. रैली से पहले मोदी ने संकटमोचन मंदिर में पूजा की. इसके बाद उन्होंने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए. साफ है कि मोदी का एजेंडा वाराणसी के जरिए एक बार फिर यूपी की राजनीति में 'हिन्दुत्व घोलना' हो सकता है.
नरेंद्र मोदी इस रैली में पूर्वांचल के पिछड़ेपन के साथ ही गुरुवार को ही केबिनेट से मंजूर हुए जाट आरक्षण के मुद्दे पर भी गरज सकते हैं. दरअसल, मोदी के लिए यूपी एक चुनौती भी है, क्योंकि चार राज्यों के चुनावों में जिन तीन राज्यों में बीजेपी ने परचम फहराया है, वहां मोदी को 'विजय का सेनापति' किसी ने नहीं माना है. सभी कह रहे हैं कि यदि मोदी को तमगा चाहिए, तो हारे हुए मैदानों से हीरा लाकर दिखाए. शायद इसीलिए मोदी सदमे से उबरने के लिए शंकर का सहारा मांगने बनारस पहुंचे हैं.