बीजेपी की 23 जनवरी को गोरखपुर में होने वाली विजय शंखनाद रैली में नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की जुगलबंदी अभी से चर्चा में बनी हुई है. दरअसल, पीएम पद की उम्मीदवारी के बाद जहां मोदी हर दिल अजीज छवि बनाने में जुटे हैं, वहीं योगी आदित्यनाथ आक्रामक अंदाज के लिए जाने जाते हैं. ऐसे में सबकी नजरें मोदी पर लगी हैं कि वे कैसे योगी की उग्र हिंदुत्ववाद की आंच को धीमा करते हैं.
जाहिर है इस रैली के दौरान भी मोदी हिंदुत्व के विवादास्पद मसलों से बचते दिखाई देंगे. वहीं, गोरक्ष पीठ के महंत और सांसद योगी आदित्यनाथ आक्रामक अंदाज में उग्र हिंदुत्व के मसले उठाएंगे, क्योंकि इन मुद्दों पर ही पूर्वी यूपी में उनका राजनीतिक अस्तित्व टिका हुआ है.
मोदी जानबूझ कर अपनी रैलियों में राममंदिर, धारा 370, धर्म परिवर्तन और अन्य ऐसे विवादास्पद मुद्दों पर नहीं बोलते. इनके बजाय वे हर दिल अजीज छवि बनाने के लिए सर्वपंथ समभाव, अंहिसा परमोधर्म और मुसलमानों को विकास के जरिए समाज की मुख्यधारा में लाने की जोरदार पैरवी करते दिखाई दे रहे हैं.
राजनाथ सिंह के बेटे के लिए भी खास है यह रैली
दूसरी ओर, गोरखपुर के मानबेला में हो यह रही रैली योगी आदित्यनाथ की ताकत का शो भी है जिसकी कामयाबी के लिए उन्होंने पूरा जोर लगा रखा है. इस रैली से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह के प्रबंधन कौशल का भी इम्तहान होना है. उन्हें रैली प्रभारी बनाया गया है. योगी नेपाल सीमा से सटी अपनी जमीनी मंच पर मोदी की मौजूदगी में आईएसआई, आतंकवाद, मुस्लिम तुष्टीकरण पर आक्रामक ढंग से बोलेंगे. पार्टी के कार्यकर्ताओं को इंतजार है कि मोदी ऐसे में क्या रुख अपनाते हैं.