छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव में राहुल गांधी की रैली खत्म हुई तो पांच मिनट के भीतर ही बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी लाल हेलीकॉप्टर में सवार होकर उत्तर प्रदेश के बहराइच में रैली के लिए पहुंच गए.
हमेशा की तरह उन्होंने पहले रैली स्थल का महत्व बताया. यह बताया कि वह यहां बतौर संगठन महासचिव काम कर चुके हैं और दावा किया कि हिंदुस्तान का मौसम, यानी राजनीतिक मौसम तेजी से बदल रहा है.
वोट बैंक की राजनीति, इंडियन मुजाहिदीन को तथाकथित संरक्षण और सीबीआई का दुरुपयोग इस बार मोदी के भाषण के केंद्र में रहा. हालांकि बीच में उन्होंने गुजरात की विकास गाथा भी दोहराई. छत्तीसगढ़ की तरह बहराइच में भी वह पटना धमाकों पर सहानुभूति बटोरना नहीं भूले.
राजनीतिक 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश से मोदी ने लगे हाथ पार्टी को बहुमत के जादुई आंकड़े तक पहुंचाने की अपील भी कर दी. उन्होंने कहा, 'लोग राजनीतिक अस्थिरता के सवाल खड़े करते हैं. अगर उत्तर प्रदेश अकेला तय कर लेगा तो हिंदुस्तान में स्थिर सरकार दे सकता है.'
गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं अनुरोध करने आया हूं, यही वह भूमि है जिसने हिंदुस्तान को हजारों सालों से गौरव प्रदान किया है. आज फिर से गंगा-यमुना और राम-कृष्ण की यह भूमि हिंदुस्तान को राजनीतिक स्थिरता और प्रगतिशील सरकार देने सामने आए.'
मोदी ने अपने भाषण में सपा, बसपा और कांग्रेस की बराबर आलोचना की. उन्होंने कहा, 'तीनों पार्टियों का गोत्र, डीएनए और मकसद एक है.'
बिना किसी पार्टी का नाम लिए उन्होंने एक ऐसा आरोप भी लगा डाला जो आगे चलकर विवाद को भी जन्म दे सकता है. उन्होंने कहा कि देश में कुछ लोग इंडियन मुजाहिदीन को संरक्षण दे रहे हैं. उनके शब्द थे, 'जिन्हें लगता है कि लोकतांत्रिक तरीके से तो बीजेपी और मोदी को रोका नहीं जा सकता तो उन्होंने दूसरे तरीके अपनाने शुरू कर दिए. कभी सीबीआई को पीछे लगा दो, कभी इंडियन मुजाहिदीन को खुली छूट दे दो.'
भाषण के अंत में उन्होंने भारत माता की जय का नारा बुलंद करते हुए कहा, 'दोनों मुट्ठियां बंद करके जोर से बोलिए कि इंडियन मुजाहिदीन सुने तो कांप जाए.'
पढ़िए मोदी का पूरा भाषण
यह ब्रह्मा की तपोभूमि है. मैं इस तपोभूमि को प्रणाम करता हूं. मेरे जीवन में इस भूमि का विशेष स्थान रहा है. बहुत कम लोगों को पता होगा कि जब मैं बीजेपी का संगठन महासचिव था, 2001 में यहां की चुनावी तैयारियों को लेकर हर विधानसभा क्षेत्रा का रिव्यू करने के लिए मैं दौरा कर रहा था. मेरा आखिरी कार्यक्रम बहराइच में था. मुझे सूचना आई कि मैं अपना कार्यक्रम स्थगित करके दिल्ली जाऊं. मुझे पता नहीं था कि मेरा दौरा क्यों स्थगित किया गया. बाद में पता चला कि मुझे अब संगठन महासचिव का काम नहीं करना है. बाद में पार्टी ने मुझे मुख्यमंत्री का दायित्व दिया. मुझे गुजरात जाना पड़ा. संगठन महासचिव के नाते बहराइच में मैंने आखिरी बार काम किया. इसलिए ब्रह्मा की इस तपोभूमि का मेरे जीवन में विशेष महत्व है.
भाइयों-बहनों, मौसम बदल रहा है. (पब्लिक की ओर से शोर की आवाज). बहुत तेजी से बदल रहा है. सिर्फ बहराइच में नहीं कश्मीर से कन्याकुमारी तक पूरे हिंदुस्तान का मौसम बदल रहा है. (शोर और तेज होता है). जो लोग सत्ता के नशे में डूबे हैं और सत्ता से मौज ले रहे हैं, ऐसे सब लोगों को एक एक भारी संकट का एहसास हो गया है.
इतना भारी विरोध हमारा क्यों हो रहा है? इसलिए कि उनकी सत्ता जाने वाली है. यही कारण नहीं है, उन्हें पता है कि अबकी बार अगर दिल्ली में बीजेपी की सरकार बन गई तो देश को तबाह करने वालों का ठिकाना कहां होगा, इसका उन्हें पता है.
देश को तबाह करने का अधिकार किसी को नहीं दिया जा सकता. वोट बैंक की राजनीति के लिए बयानबाजी की जा रही है. मैं यूपी के सत्ता में बैठे शहंशाहों से पूछना चाहता हूं. क्या कारण था कि आपने बीजेपी को बदनाम करने के लिए हमारे दो विधायकों को जेल में बंद कर दिया. और जब न्यायपालिका ने उन्हें छोड़ दिया तो दूसरे कानून लगाकर दोबारा अंदर कर दिया.
ये वोट बैंक की राजनीति के चलते गुनहगारों को नहीं, निर्दोष लोगों को जेल में डालने का हथकंडा कर रहे हैं. ऐसा लगता है कि जो लोग मोदी को गुजरात में परास्त नहीं कर पाए, तीन-तीन चुनावों में जिन्हें मुंहकी खानी पड़ी, जो अपनी इज्जत बचा नहीं पाए, जिन्हें लगता है कि लोकतांत्रिक तरीके से तो बीजेपी और मोदी को रोका नहीं जा सकता तो इन्होंने दूसरे तरीके अपनाने शुरू कर दिए. कभी सीबीआई को पीछे लगा दो, कभी इंडियन मुजाहिदीन को खुली छूट दे दो. ये बम, बंदूक और पिस्तौल के सहारे राजनीति करने वाले कान खोल कर सुन लें हम दूसरी मिट्टी की पैदाइश हैं. (पब्लिक का शोर). हम आतंकियों से न झुके हैं, न झुकेंगे. उन्हें साफ करके रहेंगे. निर्दोष नागरिकों पर जुल्म नहीं होना चाहिए.
हिम्मत है तो लोकतांत्रिक तरीके से मुकाबला करो. बुजदिल की तरह पीठ पर वार कर रहे हो. आतंकियों की गोलियां हिंदुस्तान को उसकी यात्रा से रोक नहीं सकती हैं. यह देश आगे बढ़ने वाला है.
भाइयों बहनों, मुझे तो लगता है कि अगले चुनाव में कांग्रेस-सपा और बसपा की तिकड़ी चुनाव के मैदान में नहीं आएगी. अगले चुनाव में मुझे लगता है कि सीबीआई और इंडियन मुजाहिदीन ही चुनाव का मोर्चा संभालेंगे ताकि कांग्रेस को बचा सकें.
हमारे बिहार के भाई-बहन छठ पूजा का उत्सव मनाते हैं. लेकिन उसी छठ पूजा से पहले आतंकियों ने निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार दिया. किसी ने अपना बाप खोया, मां ने अपना लाडला खो दिया. छठ पूजा कैसे मनाएंगे. और उनका गुनाह क्या? कि भारत माता की जय बोलते थे? और इसलिए मौत के घाट उतार दिया? क्या लोकतंत्र में हिंसा और बंदूक की राजनीति को जगह होती है?
भाइयों-बहनों इस देश में लोकतंत्र पर हमले हो रहे हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने टीवी मीडिया वालों को एक आदेश जारी किया है कि 15 अगस्त को जब प्रधानमंत्री लाल किले से भाषण दे रहे थे तो इन मीडिया वालों की क्या औकात कि उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री को लाइव टीवी पर कैसे दिखा दिया. पीएम के बराबर कैसे दिखा दिया. 15 अगस्त की बात और अभी हफ्ते भर पहले आदेश दिया. क्यों? क्योंकि उनको परेशानी इस बात की हुई कि 27 अक्टूबर को पटना में राजनाथ और मोदी भाषण दे रहे थे और दिल्ली में उनके शहजादे दे रहे थे. और मीडिया वालों ने गलती यह की कि शहजादे को दिखा तो रहे थे लेकिन सुना नहीं रहे थे. दिखते भी थे और सुनाई भी देते थे मोदी. इससे पूरी कांग्रेस पार्टी बौखला गई और ये आदेश जारी किया.
भाइयों-बहनों, यह हमारा गला घोंटने का प्रयास है. लेकिन दिल्ली के शहंशाह कान खुल के सुन लो. हम टीवी पर दिखें या नहीं, पर हिंदुस्तान की अवाम के दिल में अपनी जगह बना चुके हैं.
भाइयों-बहनों, कांग्रेस ने 60 साल तक इसे देश पर राज किया. क्या मिला आपको? भाइयों-बहनों बताएंगे मुझे? आपके गांव में जो गरीब है 60 साल में उसके जीवन में बदलाव आया है? युवाओं को रोजगार मिला है? किसान को पानी मिला है? बीमार को दवाई मिली है? क्या राज करने वालों को जवाब देना चाहिए? ये देते हैं? ऊपर से हम पर गाली गलौज करते हैं.
मैं तो हैरान हूं भाइयों, जिस राज्य ने आठ प्रधानमंत्री दिए. और लखनऊ के 100 किलोमीटर रेडियस में कितने दिग्गज नेता हैं. यहां की जनता के सुख के लिए वे क्या कुछ नहीं कर सकते हैं? मैं तो एक छोटे से राज्य का मुख्यमंत्री हूं. अगर मन में ठान ली तो जनता की भलाई के पचास काम कर सकते हैं. ये क्यों नहीं करते? कब तक झेलोगे इन लोगों को?
इसलिए मैं कहने आया हूं भाइयों-बहनों. बहुत हो चुका, अब इनका जाने का वक्त आ गया है. जिस यूपी ने चार-चार पीढ़ी के नेताओं को जन्म दिया, इन्होंने देश छोड़िए, सिर्फ यूपी के विकास का काम किया होता, तो भी पूरा हिंदुस्तान अपने आप आगे बढ़ जाता. यह देश गरीब देशों में नहीं होता. लेकिन इन्हें तो वोट बैंक की राजनीति के सिवा किसी काम में रुचि नहीं है. इंडियन मुजाहिदीन के अड्डे बनते चले जाएं, इनको उनका संरक्षण मिलता चला जाए, देश के नागरिक की जान सलामत रहे या नहीं, इनको परवाह नहीं.
ये लोग कहते हैं कि गुजरात तो पहले से डेवलप है. मैं आपको बताता हूं. जब मैं मुख्यमंत्री बना तो लोग कहते थे मोदी जी कुछ तो करो. शाम को खाना खाते समय तो बिजली दो. पहले गुजरात में मां बीमार होती थी तो पंखा नहीं चलता था. बच्चे नहीं पढ़ पाते थे. मैंने अधिकारियों से कहा कि गांधीनगर में 24 घंटे बिजली मिलती है तो पूरे गुजरात में क्यों नहीं मिल सकती? मैंने फाइल पर लिख दिया कि 24 घंटे बिजली की व्यवस्था की जाए.
गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता हमें मिलने आए और बोले मोदी जी आप नए हो, आपको शासन का अनुभव नहीं है. किसी ने आपको भरमा दिया है, आप फंस जाओगे, यह संभव नहीं है. मैंने उनसे कहा, मैं जानता हूं कि यह कठिन काम है इसलिए मुझे कुर्सी पर बैठाया गया है. आज मैं गर्व से कहता हूं कि गुजरात के गांवों में भी 24 घंटे बिजली उपलब्ध है.
भाइयों-बहनों यूपी में बिजली आती है? लोग यहां बातें करते थे. यार मेरे यहां पिछले मंगल को आई थी. वो कहता था कि मेरे यहां पिछले हफ्ते आई थी. उत्तर प्रदेश में बिजली का जाना नहीं, आना खबर है.
मैंने सुना है कि हमारे नौजवान मुख्यमंत्री के क्षेत्र में तो बिजली मिलती है. दूसरे खां साहब हैं, उनके इलाके में भी बिजली जाती है. लेकिन बाकी उत्तर प्रदेश की चिंता किसी को नहीं है. मित्रों, शासक वह होता है जो पहले जनता का भला सोचे, बाद में कुछ बचे तो खुद उपयोग करे.
यहां के मुख्यमंत्री ने मुझे चिट्ठी लिखी कि मोदी जी हमें शेर चाहिए. इनको लगा होगा कि मोदी शेर की तरह दहाड़ता है. हम भी शेर ले आएंगे तो हम भी दहाड़ेंगे. इनको शेर का शौक है, जो पहले मुख्यमंत्री थीं उन्हें हाथी का शौक था. ये लायन सफारी बनाना चाहते हैं.
काश यूपी के मुख्यमंत्री सिर्फ लायन नहीं, गिर की गाय मानते. वह हमसे बिजली मांगते. हमसे अमूल जैसा डेयरी के नेटवर्क की समझ मानते. ऐसी कुछ चीज मांगते. नहीं मांगा. इसके लिए भी तो समझ चाहिए.
सपा और बसपा में होड़ चलती है कि सबसे ज्यादा क्रिमिनल किसके खेमे में हैं. तुमने 2000 करोड़ बनाए हम 5000 करोड़ बनाएंगे. ये ऐसे दल हैं जिनको आपके भले और समस्याओं के समाधान की स्पर्धा करने में रुचि नहीं है.
आप देखिए, सपा और बसपा दोनों दिल्ली की सरकार को बचा रहे हैं. उनको पता है कि उनके समर्थन के बिना दिल्ली की सरकार नहीं चल सकती है. अगर इनकी इतनी ताकत है तो वो चाहें तो दिल्ली सरकार को झुका सकते हैं कि नहीं? वे यूपी की जनता के लिए रेल मांगे तो मिल सकती है कि नहीं? वे बहराइच के लिए एयरपोर्ट मांगे तो मिल सकते हैं कि नहीं? रोजगार मांगे तो मिल सकते हैं कि नहीं? लेकिन ये दोनों कुछ नहीं मांग रहे. क्या मांग रहे हैं? आपने देखा होगा कि ममता दीदी बंगाल के लिए मांगती हैं, बंगाल के लिए लड़ती हैं. लेकिन ये चीजें नहीं मांगते हैं. मांगते हैं तो सीबीआई से छुटकारा मांगते हैं. अपने बचाव के लिए.
भाइयों-बहनों, ये कितने स्वार्थी हैं. नमूना दिखाता हूं. आपने देखा होगा हिंदुस्तान के महान कलाकार का, जिनका मैं बड़ा आदर करता हूं, उत्तर प्रदेश में है दम, ये गीत गवाते रहे. उसी महान कलाकार का हमने क्या उपयोग क्या, 'कुछ दिन तो बिताओ गुजरात में'. आज उनकी वजह से ही हमारा टूरिज्म तरक्की कर रहा है. हमें मालूम है कि किसका क्या उपयोग करना है, पर यहां की सरकार को वह करना नहीं आया. इन्हें यूपी की नहीं, अपने परिवार और अपनी कुर्सी की चिंता है बस. इसलिए मैं कहता हूं कि सपा, बसपा और कांग्रेस का गोत्र, चरित्र, डीएनए और मकसद एक है. इनको कभी अलग मत समझना.
चलो गुजरात की छोड़ो. मध्य प्रदेश तो बीमारू राज्य माना जाता था ना. उसके बावजूद मध्य प्रदेश की जनता ने 10 साल से बीजेपी को सेवा करने का अवसर दिया. आज मैं सीना तान कर कहता हूं कि मध्य प्रदेश के किसान को खेतों तक पानी मिलता है. पहले एमपी का विकास दर -4 था, उन्होंने आज 11 का विकास दर हासिल किया. यूपी से कहीं ज्यादा बिजली शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने बनाई. क्या यूपी भी कठिनाइयों से बाहर निकल सकता है? भाइयों-बहनों, उत्तर प्रदेश में बहुत ताकत है. मैं इसे भली-भांति पहचानता हूं. उत्तर प्रदेश का कोई जिला, कोई तहसील नहीं होगी जिसके नौजवान मेरे गुजरात में न रहे हों. मेहनत और ईमानदारी से काम करने वाले लोग हैं, मिट्टी को सोना बना देते हैं.
इसलिए भाइयों-बहनों, हमारा मकसद है हमारे देश के नौजवानों को अवसर देना, हुनर देना. नौजवान को रोजी-रोटी के लिए भटकना न पड़े, यह व्यवस्था करनी पड़ेगी.
मैं हैरान हूं. ये इंटरव्यू क्यों होते हैं भाई? इंटरव्यू का कॉल आता है तो वो सोचता है कि किस मंत्री का कुर्ता पकड़े, किससे सिफारिश करवाएं. मैंने एक छोटा प्रयोग किया. गुजरात में टीचर की भर्ती के लिए कोई इंटरव्यू नहीं, कोई सिफारिश नहीं. एग्जाम में जिनके नंबर सबसे अच्छे आए हैं, उन्हें भर्ती कर लिया. कोई सिफारिश नहीं.
अब नई जमीन तो है नहीं. इसलिए किसान को बचाना है तो उत्पादकता बढ़ानी पड़ेगी. आपके यहां 100 से ज्यादा शुगर मिल है. हमारे यहां 15 हैं करीब. लेकिन मेरे यहां को-ऑपरेटिव मिले हैं. आपके यहां मालिक बैठे हैं. किसानों को दाम नहीं मिल रहे. मुझे बताया गया कि 6000 करोड़ रुपया किसानों का दबा रखा है.
आज हमारे यहां किसान पहले जो गन्ने की फसल पैदा करता था आज उतनी ही जमीन में ज्यादा पैदा करने लग गया. इतना ही नहीं, पहले गन्ने में शुगर कम निकलती थी. पैसे पूरे नहीं मिलते थे. लेकिन हमने विज्ञान का प्रयोग किया. अब गन्ने से ज्यादा शुगर निकलता है और किसान सुख चैन से जी रहा है. यह स्थिति यहां भी हो सकती है. लेकिन इसके लिए इरादा चाहिए.
आजकल पॉलिटिकल पंडित डिबेट कर रहे हैं. भई भाजपा का घोड़ा कोई कहता है यहां तक पहुंचेगा. कोई 180 बोलता है कोई 200, कोई 220. ऐसा सुना है न आपने? जो लोग राजनीतिक अस्थिरता के सवाल खड़े करते हैं. अगर यूपी अगर अकेला तय करे हिंदुस्तान में स्थिर सरकार दे सकता है. हिंदुस्तान का भाग्य नियंता उत्तर प्रदेश है. मैं अनुरोध करने आया हूं, यही भूमि है जिसने हिंदुस्तान को हजारों सालों से गौरव किया है. आज फिर से गंगा-यमुना और राम-कृष्ण की यह भूमि हिंदुस्तान को राजनीतिक स्थिरता और प्रगतिशील सरकार देने सामने आए. इसी अपेक्षा के साथ बोलिए, भारत माता की....(जय)
दोनों मुट्ठियां बंद करके जोर से बोलिए कि इंडियन मुजाहिदीन के लोग कांप जाएं.
भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की...