scorecardresearch
 

नसीमुद्दीन सिद्दीकी: रेलवे कॉन्ट्रैक्टर से बसपा महासचिव तक

नसीमुद्दीन बसपा ज्वॉइन करने वाले शुरुआती मुस्लिम चेहरों में से एक रहे हैं. हालांकि उन्हें उतनी पॉपुलैरिटी नहीं मिली, लेकिन मुस्लिम वोटरों का एक धड़ा उनके पास था.

Advertisement
X
नसीमुद्दीन सिद्दीकी
नसीमुद्दीन सिद्दीकी

Advertisement

बीएसपी से बर्खास्त नसीमुद्दीन सिद्दीकी को बसपा में रहते हुए इतना फुटेज शायद ही कभी मिला हो. बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती के खिलाफ कई बड़े गंभीर आरोप लगाने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी कभी मायावती के खासमखास थे. नसीमुद्दीन की तरह बाकी किसी बसपाई नेता पर बसपा सुप्रीमो ने कभी इतना विश्वास नहीं जताया. 2017 के विधानसभा चुनाव में हार से पहले नसीमुद्दीन सिद्दीकी मायावती के करीबियों में से एक रहे हैं, लेकिन अब स्थितियां बदल गईं हैं.

1. 57 साल के नसीमुद्दीन सिद्दीकी 1988 में राजनीति में आए. बतौर निर्दलीय उम्मीदवार उन्होंने बांदा नगर निगम का चुनाव लड़ा.

2. यूपी में बुंदेलखंड के सयोरा गांव के रहने वाले कमरूद्दीन के आठ बेटों में पांचवां नंबर नसीमुद्दीन सिद्दीकी का है. नसीमुद्दीन राष्ट्रीय स्तर पर वॉलीवॉल के खिलाड़ी रहे हैं.

3. बीएसपी ज्वॉइन करने से पहले नसीमुद्दीन रेलवे कॉन्ट्रैक्टर के तौर पर काम करते थे.

Advertisement

4. नसीमुद्दीन बसपा ज्वॉइन करने वाले शुरुआती मुस्लिम चेहरों में से एक रहे हैं. हालांकि उन्हें उतनी पॉपुलैरिटी नहीं मिली, लेकिन मुस्लिम वोटरों का एक धड़ा उनके पास था.

5. सिद्दीकी ने 1991 में बांदा से असेंबली इलेक्शन का चुनाव लड़ा. हालांकि 1993 में उन्हें हार का सामना पड़ा, जब बसपा और सपा का गठबंधन था.

6. हार के बाद सिद्दीकी ने बांदा छोड़ा और लखनऊ पहुंचे. साथ ही बसपा के दिल्ली दफ्तर के भी चक्कर लगाने लगे और मायावती के साथ उनकी घनिष्ठता बढ़ती गई.

7. 1995 में जब बीजेपी के समर्थन से मायावती मुख्यमंत्री बनीं, तो उन्होंने नसीमुद्दीन सिद्दीकी को अपनी सरकार में शामिल किया.

8. 1997 में नसीमुद्दीन सिद्दीकी बीजेपी-बीएसपी की सरकार में कृषि मंत्री बने. 2002 में बतौर मंत्री उन्हें ट्रांसपोर्ट, पर्यावरण विभाग मिला.

9. मायावती के साथ ही नसीमुद्दीन सिद्दीकी भी ताज कॉरीडोर मामले में सह-आरोपी रहे हैं.

10. 2007 में जब बीएसपी ने सोशल इंजीनियरिंग का नया फॉर्मूला पेश किया, तो नसीमुद्दीन सिद्दीकी को मुस्लिम चेहरे के तौर पर आगे बढ़ाया.

12. 2010 तक नसीमुद्दीन सिद्दीकी मायावती के सबसे ताकतवर मंत्रियों में से थे. उनके पास दर्जनों विभाग थे. इनमें पीडब्ल्यूडी और राजस्व विभाग शामिल थे.

11. 2010 में ही नसीमुद्दीन सिद्दीकी की पत्नी हुस्ना को पार्टी एमएलसी बनाया गया. और उन्हें उच्च सदन में जगह मिली.

Advertisement

12. 2012 में बीएसपी की हार के बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी विधान परिषद में नेता विपक्ष बने. उन्हें कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा प्राप्त था. इसके साथ ही उन्हें बुंदेलखंड और सेंट्रल यूपी का कोआर्डिनेटर भी बनाया गया.

13. 2014 में नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बेटे अफजल को फतेहपुर से लोकसभा टिकट मिला. हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

14. 2014 के चुनाव में बसपा की हार के बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पश्चिमी यूपी और लखनऊ डिवीजन का काम दिया गया, जबकि उनके बेटे अफजल मुस्लिम भाईचारा कैंपेन के इंचार्ज बने.

15. बीजेपी नेता दयाशंकर की पत्नी और बच्चों के खिलाफ अभद्र भाषा के प्रयोग के चलते भी नसीमुद्दीन विवादों में रहे. दयाशंकर की पत्नी ने उनके खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करवाया था.

16. यूपी विधानसभा चुनाव में हार के बाद मायावती ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी के पर कतर दिए और उन्हें मध्य प्रदेश भेज दिया. बुधवार को पार्टी से नसीमुद्दीन के बाहर किए जाने पर सतीश मिश्रा ने कहा कि नसीमुद्दीन को मध्य प्रदेश भेजा गया, लेकिन नसीमुद्दीन अनुशासनहीनता में लगे रहे.

17. नसीमुद्दीन के लिए स्थितियां 2017 में तब बदलीं, जब चुनावों में बीएसपी को सिर्फ 19 सीटें मिलीं. फिर बीजेपी की नई सरकार ने चीनी मिलों को बेचने के मामले में जांच के आदेश दिए. मायावती ने कहा कि ये फैसला कैबिनेट ने नहीं किया, बल्कि सिद्दीकी के विभाग का था. मायावती का जोर था कि ऐसे निर्देश उन्होंने नहीं दिए.

Advertisement

18. यूपी का सतर्कता विभाग कई मामलों में नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ जांच कर रहा है. इनमें बसपा शासन के दौरान पार्कों और मेमोरियल के निर्माण में अनियमितता का आरोप है. इसके साथ ही आय से अधिक संपत्ति मामले में भी उनके खिलाफ जांच चल रही है.

Advertisement
Advertisement