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चुनावी साल में रायबरेली के लिए केंद्र ने की तोहफे की बौछार

इस देश के 545 लोकसभा क्षेत्रों में एक रायबरेली नामक क्षेत्र भी है. वैसे तो इस इलाके के लोग इस देश के आम नागरिकों की तरह ही हैं लेकिन इस इलाके के सांसद बाकी के 544 सांसदों की तरह आम सांसद नहीं हैं. उनके इशारे पर देश की हुक़ूमत चलती है और जब हुक़ूमत ही चलती है तो करना क्या है, नजराना हाजिर है.

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रायबरेली को चुनावी तोहफा
रायबरेली को चुनावी तोहफा

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इस देश के 545 लोकसभा क्षेत्रों में एक रायबरेली नामक क्षेत्र भी है. वैसे तो इस इलाके के लोग इस देश के आम नागरिकों की तरह ही हैं लेकिन इस इलाके की सांसद बाकी के 544 सांसदों की तरह आम सांसद नहीं हैं. उनके इशारे पर देश की हुक़ूमत चलती है और जब हुक़ूमत ही चलती है तो करना क्या है, नज़राना हाजिर है.

जहां जमीन पर चलने के लिए बढ़िया सड़क तक नहीं है वहां हवा में उड़ने के लिए उड़ान के विश्वविद्यालय खोले जा रहे हैं. रायबरेली की रंगत से किसी को भी रश्क हो जाए. 202 करोड़ फूंक दिए जाएंगे मैडम की तरफ से पेश इस मेहरबानी पर.

इससे अच्छी बात क्या होगी कि देश में महिला विश्वविद्यालय खुले लेकिन वो रायबरेली में ही खुले इसके लिए सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र होना इकलौती और अंतिम शर्त है. कहना अच्छा नहीं लगता इसलिए इंदिरा गांधी का बहाना बनाना पड़ता है.

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विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस की दुर्गति के बाद सोनिया गांधी ने दिल्ली के खजाने का दिल खोल दिया है. 202 करोड़ की उड़ान अकादमी. 500 करोड़ की यूनिवर्सिटी. पिछले चुनाव से पहले रेल कोच फैक्ट्री दी थी. कांग्रेस से पूछा इस अदा को कहते क्या हैं, बोला विकास का अवसरवाद.

रायबरेली की तरह देश के हर इलाके के भाग खुल जाएं तो बात ही क्या लेकिन सोनिया गांधी तो एक ही हैं. कहां-कहां जाकर लड़ें चुनाव.

बीजेपी को तो बोलने का मौका चाहिए लेकिन जिस अमेठी में एक भी सलीके का होटल नहीं वहां राहुल गांधी की रियाया के लिए भारत सरकार का एक विशाल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट खोल दिया था. आप पूछ सकते हैं तरक्की के इस लोकतंत्र में आपका हिस्सा कहां है?

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