पठानकोट में आतंकी हमले के बाद जहां एक ओर संभावित खतरों को लेकर खुफिया एजेंसियां अलर्ट जारी कर चुकी हैं, वहीं यूपी के आगरा में विश्व प्रसिद्ध ताजमहल की सुरक्षा में घोर लापरवाही का मामला सामने आया है. दिलचस्प लेकिन दुर्भाग्य है कि यहां लगाए गए 17 सीसीटीवी कैमरे बीते दो साल से या तो बंद पड़े हैं या फिर गायब हो चुके हैं.
यह हाल तब है जब आतंकी हमलों की संभावना के कारण आईबी ने देश के प्रमुख 16 महानगरों को अति संवेदनशील मानते हुए अलर्ट जारी किया है. लापरवाही का आलम यह है कि थाना ताजगंज में बनाया गया सीसीटीवी कंट्रोल रूम भी केवल बोर्ड पर ही लिखा मिला.
तीन सुरक्षा घेरों की व्यवस्था, लेकिन...
जानकारी के मुताबिक, ताजमहल की संवेदनशीलता को देखते हुए इसे 3 सुरक्षा घेरों में बांटा गया है. इसके लिए आगरा पुलिस, ताज सुरक्षा पुलिस बल पीएसी और ताज की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था सीआईएसएफ के हाथों दी गई है. कुद साल पहले ताज के येलो जोन में संदिग्धों की निगरानी के लिए 17 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, जो कि धीरे-धीरे या तो खराब हो गए या उनको तोड़ दिया गया. जबकि ताजनगरी की पुलिस और सुरक्षा एजेसियों का ध्यान इस ओर नहीं गया.
'हां, 2 साल से बंद हैं कैमरे'
इस मामले में जब जिले के कप्तान डॉ. प्रीतिंदर सिंह से पूछा गया तो उनका जवाब सुरक्षा में लापरवाही पर मुहर लगा रहा था. एसएसपी आगरा ने माना कि सभी कैमरे तकरीबन दो वर्षों से बंद पड़े हैं.
17 कैमरे लगाए गए थे, आज एक भी नहीं
स्मारक सुरक्षा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुन्नवर अली ने बताया कि अभी हाल ही पता चला कि जो हाई अलर्ट जारी हुआ है, उसमें ताजमहल का खासकर जिक्र है. ताजमहल की सुरक्षा के लिए 17 कैमरे लगे हुए थे, लेकिन आज एक भी नजर नहीं आता.