फैजाबाद के रहस्यमयी गुमनामी बाबा के नेताजी सुभाष चंद्र बोस होने की अटकलों को और बल मिल गया. अदालत के आदेश के बाद पिछले करीब 2 हफ्तों से गुमनामी बाबा के सामान के बॉक्स खोले जा रहे थे. मंगलवार को उनका आखिरी बक्सा खोला गया जिसमें नेताजी की फैमिली फोटो मिली है.
इस फोटो में नेताजी के माता-पिता जानकीनाथ बोस और प्रभावती बोस और परिवार के लोग दिखाई दे रहे हैं. अपनी जिंदगी के आखिरी तीन साल गुमनामी बाबा 1982-85 तक फैजाबाद के राम भवन में रहे इसके मालिक शक्ति सिंह ने इन तस्वीरों की तस्दीक की है.
नेताजी की भतीजी ने पहचानी थी तस्वीर
सिंह का कहना है कि इस तस्वीर में बोस के माता-पिता के अलावा परिवार के 22 सदस्य भी नजर आ रहे हैं. गुमनामी बाबा के सामानों की जांच के लिए फैजाबाद कलेक्ट्रेट की ओर से बनाई गई प्रशासकीय समिति में सिंह भी विशेष तौर पर शामिल किए गए हैं. सिंह का कहना है कि 4 फरवरी 1986 में सुभाष चंद्र बोस के भाई की बेटी ललिता बोस राम भवन आई थीं जहां उन्होंने इस तस्वीर में परिवार के लोगों को पहचाना था.
कई चिट्ठियां भी मिलीं
इसमें पवित्र मोहन राय की चिट्ठियां भी हैं जो आजाद हिंद फौज की गुप्तचर शाखा के अधिकारी थे. इसके अलावा संघ के एम एस गोलवरकर समेत कई जानी मानी हस्तियों की चिट्ठियां मिली हैं. इस बक्से में कुछ टेलीग्राम भी पाए गए हैं साथ ही जर्मनी का बना हुआ एक टाइपराइटर भी मिला है. इन चीजों के मिलने के बाद ये दावा किया जा रहा है कि गुमनामी बाबा ही नेताजी सुभाष चंद्र थे.
नेताजी की मौत का रहस्य
नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु पर आज भी रहस्य बरकरार है. 18 अगस्त 1945 को ताइवान में हुए विमान हादसे में नेता जी की मृत्यु हो गई थी. इस पर बहुत से लोग यकीन नहीं करते हैं.