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यूपी: अब घर में तय सीमा से अधिक रखनी है शराब तो लेना होगा लाइसेंस

योगी आदित्यनाथ सरकार अब अपने घर में सीमा से अधिक शराब रखने के लिए लाइसेंस जारी करने जा रही है. राज्य सरकार ने यह नई व्यवस्था साल 2021-22 के लिए जारी आबकारी नीति में की है. किसी को घर में तय सीमा से ज्यादा शराब रखनी है तो उसके लिए आबकारी विभाग से आवेदन करके लाइसेंस हासिल करनी होगी.

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घर में तय सीमा से ज्यादा रखी जा सकेगी शराब (सांकेतिक-पीटीआई)
घर में तय सीमा से ज्यादा रखी जा सकेगी शराब (सांकेतिक-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 34,500 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य
  • राज्य में शराब उत्पादन पर प्रोत्साहन का मकसद
  • देशी शराब के अधिकतम फुटकर दाम में वृद्धि नहीं

उत्तर प्रदेश सरकार आबकारी नीति में बड़ा बदलाव करने जा रही है. राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार अब अपने घर में सीमा से अधिक शराब रखने के लिए लाइसेंस जारी करने जा रही है. राज्य सरकार ने नई आबकारी नीति पर अपनी मुहर लगा दी है.

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राज्य सरकार ने यह नई व्यवस्था साल 2021-22 के लिए जारी आबकारी नीति में की है. अगर किसी को अपने घर में इस्तेमाल के लिए तय सीमा से ज्यादा शराब रखनी है तो उसके लिए आबकारी विभाग से आवेदन करके लाइसेंस हासिल करनी होगी.

वर्ष 2021-22 के लिए विदेशी शराब, बीयर और शराब के अग्रिम भंडारण की अनुमति 15 फरवरी से दी जाएगी.

योगी सरकार ने आबकारी विभाग से अगले वित्तीय वर्ष में 6 हजार करोड़ बढ़ाकर 34,500 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा है, जिसके तहत उत्तर प्रदेश में शराब उत्पादन का प्रोत्साहन किया गया है. नई नीति का मकसद ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और गुड गवर्नेंस को बढ़ावा देना है.

नई आबकारी नीति

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को साल 2021-22 के लिए नई आबकारी नीति को अनुमोदित कर दिया. सरकार की ओर से शनिवार को जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक आबकारी नीति की मुख्य बातों में फुटकर दुकानों में पीओएस मशीनें लगाना और वाइन उत्पादन को प्रोत्साहन देने के अलावा निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक मदिरा रखने के लिए विशेष लाइसेंस, हवाई अड्डों पर प्रीमियम रिटेल ब्रांड की उपलब्धता और देशी शराब के अधिकतम फुटकर विक्रय मूल्य में किसी तरह की कोई वृद्धि नहीं होना शामिल है.

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सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, साल 2020-21 के अनुमानित 28,340 करोड़ रुपये के राजस्व की तुलना में 2021-22 में 34,500 करोड़ रुपये राजस्व का लक्ष्य रखा गया है.

 

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