भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के लिए मुफ्त नाइट कॉलिंग योजना संजीवनी साबित हो रही है. दो माह में ही योजना का असर दिखाई देने लगा है. बेसिक फोन उपभोक्ताओं के लिए बेहतरीन योजना होने के कारण फोन सरेंडर करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या में लगातार कमी आ रही है.
नाइट फ्री कॉलिंग के चलते जून माह में बीएसएनएल नेटवर्क से जुड़ने वाले ब्राडबैंड उपभोक्ताओं की संख्या सरेंडर करने वालों से अधिक रही है. इसी तरह बेसिक फोन में पुराने उपभोक्ताओं की वापसी के चलते सात साल बाद पहली बार फोन सरेंडर का ग्राफ थमा है.
बीएसएनएल में मुफ्त नाइट कॉलिंग की सुविधा शुरू होने के बाद से बेसिक फोन उपभोक्ताओं का पलायन रुकने के साथ ही नए कनेक्शनों की मांग बढ़ गई है. राजधानी के साथ ही प्रदेश के अन्य शहरों में पहले की अपेक्षा पांच गुना अधिक नए कनेक्शन के आवेदन आ रहे हैं. राजधानी में बेसिक फोन कनेक्शन की मांग बढ़ने से प्रतिदिन सौ कनेक्शन की औसत से नए कनेक्शनों की बुकिंग हो रही है. मुफ्त नाइट कालिंग सेवा से पहले यह औसत 10 कनेक्शन प्रतिदिन का था.
नए कनेक्शन की बढ़ी मांग
नए फोन कनेक्शन की बुकिंग के साथ ही बड़ी संख्या में लोग उपभोक्ता सेवा केंद्रों में जाकर मुफ्त नाइट कॉलिंग सेवा के बारे में जानकारी ले रहे हैं. सर्किल के अन्य जिलों में भी बेसिफ फोन और इंटरनेट कनेक्शन की मांग बढ़ी है. जून से पहले प्रतिमाह औसतन 10 हजार से अधिक फोन कनेक्शन सरेंडर हो रहे थे, जबकि नए कनेक्शन की डिमांड काफी कम थी. इस योजना के शुरू होने के बाद जून में पुराने उपभोक्ताओं की वापसी और बड़ी संख्या में नए कनेक्शन बुक कराने के कारण यह औसत लगभग बराबरी पर पहुंच चुका है.
बना हुआ है BSNL पर भरोसा
बीएसएनएल के सर्किल प्रमुख एचआर शुक्ल के मुताबिक, पारदर्शी कार्यप्रणाली और इमानदार बिलिंग व्यवस्था की वजह उपभोक्ताओं का आज भी बीएसएनएल से भरोसा टूटा नहीं है. कस्टमर केयर और संचार सेवाओं को दुरुस्त करके अधिकतर उपभोक्ताओं को फिर से वापस लाया जाएगा. बेसिक फोन उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है. इसके तहत पुराने उपभोक्ताओं से संपर्क कर उन्हें फिर से बेसिक फोन से जोड़ने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.