पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने भारत से जाने वाला पानी रोकने की मांग लगातार उठ रही है. इस बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारत के अधिकार वाली तीनों नदियों का पानी पाकिस्तान के बजाय यमुना में लाने की बात कही है. उनकी इस घोषणा ने पाकिस्तान से बदले को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
दरअसल, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी बागपत में यमुना के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का शिलान्यास करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जाने वाली तीन नदियों के पानी को यमुना में लाया जाएगा. इसके लिए तीन प्रोजेक्ट तैयार किए जा चुके हैं.
Under the leadership of Hon'ble PM Sri @narendramodi ji, Our Govt. has decided to stop our share of water which used to flow to Pakistan. We will divert water from Eastern rivers and supply it to our people in Jammu and Kashmir and Punjab.
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) February 21, 2019
कैसा है प्रोजेक्ट...
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली -आगरा से इटावा तक जलमार्ग की डीपीआर तैयार हो चूका है. इसके प्रोजेक्ट के तहत बागपत में रिवर पोर्ट बनाया जाएगा. किसानों को होने वाली पानी की समस्या दूर होगी और कई किस्म की फसलें किसान तैयार कर सकेंगे. गन्ने की खेती और चीनी मिलों को भी इससे फायदा होगा.
गडकरी ने कहा कि हम जलमार्ग पर भी काम कर रहे हैं. पानी की कमी न रहे इसलिए भारत के अधिकार वाली तीनों नदियों का पानी जो पाकिस्तान जाता है, उसे मोड़कर यमुना में लाया जाएगा. इससे हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश के लोग दिल्ली से आगरा जलमार्ग से जा सकेंगे.
यमुना किनारे रिवर पोर्ट बनने से ये होगा फायदा...
मालूम हो कि बागपत में यमुना किनारे रिवर पोर्ट भी तैयार किया जा रहा है. पोर्ट से चीनी बांग्लादेश और म्यांमार तक भेजी जा सकेगी. इससे खर्च भी कम होगा.
सिंधु जल समझौता बना बाधा...
पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोकने के लिए सिंधु जल समझौता बाधा बन सकता है. क्योंकि भारत के अधिकारी में आने वाली तीन नदियों का पानी सिंधु जल समझौते के तहत रोका नहीं जा सकता. पहले हुए भारत पाक युद्धों के दौरान भी यह समझौता प्रभावी रहा था.