
अफगानिस्तान में तालिबान का खौफ किस कदर है, यह देवरिया पहुंचे नीतीश कुमार गुप्ता के चेहरे पर साफ तौर पर देखा जा सकता है. वह तालिबान शब्द का नाम तक लेने में खौफजदा हैं. घर पहुंचने पर उसके परिवार में खुशी का माहौल है. नीतीश और उसके पिता आजतक न्यूज चैनल को धन्यवाद दे रहे है कि उनकी बात सरकार के पास पहुंची है, जिससे काबुल में फंसे नीतीश की वतन वापसी का रास्ता साफ हो सका है. उनका बेटा सही सलामत अपनों के बीच में है.
अफगानिस्तान में डर का माहौल
नीतीश ने बताया कि अफगानिस्तान का माहौल डर का है, खौफ का है, चारों तरफ अफरा-तफरी मची है. सभी के पास हथियार है बिना लाइसेंस के. नीतीश तो तालिबान का नाम भी नही ले रहा है. अपने जुबान से इस कदर का दहशत उसके अंदर है. उसने बताया कि जब वह अपनी कम्पनी से एयरपोर्ट के लिए निकला तो रास्ते मे वहां जिसकी सरकार है इस समय (तालिबानियों ) उसने कम्पनी की गाड़ी रोककर पासपोर्ट चेक किए और पूछा कहा के रहने वाले हो, जब बताया गया कि भारत के हैं और वह अब जाना चाहते हैं तो अपनी एक गाड़ी आगे लगाकर एयरपोर्ट तक छोड़ा.
आठ किलोमीटर के लग गए तीन घंटे
नीतीश ने बताया कि कम्पनी से एयरपोर्ट तक 8 किलोमीटर को दूरी है लेकिन तीन घंटे लग गए. उन्होंने कहा कि हम लोग 12 लोग कम्पनी से निकले थे, लेकिन 19 अगस्त को फ्लाइट नहीं मिली. भारत सरकार द्वारा गेस्ट हाउस में हमें रुकवाया गया था. इसके बाद 22 अगस्त की 12.30 बजे रात में एयरपोर्ट पहुंचे और चार बजे सुबह में सी-17 विमान से गाज़ियाबाद पहुंचे. वहां से आनंद विहार रेलवे स्टेटशन छोड़ा गया और फिर वहां से बस द्वारा देवरिया पहुंच सके.
वहीं, नीतीश की बहन ने आजतक से कहा कि वह बहुत खुश है कि उनका भाई सही सलामत घर आ गया है. एक दिन बाद ही सही, उसने राखी बांधकर रक्षाबंधन के इस पर्व को बहुत उत्साह से मनाया. इसके लिए आजतक की टीम को उसने धन्यवाद भी किया.
बबलू का घर वापसी के बाद गाजे-बजे के साथ हुआ स्वागत
वहीं, तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में फंसे बोकारो जिला का गांधीनगर थाना क्षेत्र का रहने वाला बबलू सकुशल घर पहुंचा गया है. घर पहुंचते ही परिजनों एवं पड़ोसियों ने बबलू का स्वागत गाजे-बाजे के साथ किया. इस दौरान बबलू के घर के महिलाओं और पत्नी ने आरती उतार कर मिठाई खिलाते हुए उसका स्वागत किया. बबलू के घर पहुंचने के बाद परिजनों और बबलू के आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े थे. बबलू का अफगानिस्तान से हिंदुस्तान पहुंचने का सफर बेहद भयावह रहा.
बबलू ने बताया कि काबुल एयरपोर्ट पर गोलियों की गूंज ने उनकी घर वापसी की उम्मीदों को भी धुंधला कर दिया था. बबलू ने अफगानिस्तान के माहौल की भी चर्चा की. उसने बताया कि इन लोगों ने खौफ के साए में समय बिताया. हालांकि इस दौरान तालिबान के लड़ाकों ने भारतीय होने की सूचना पर इन्हें क्षति नहीं पहुंचाई, लेकिन बबलू का कहना है की तालिबान मूल के जो लड़ाके हैं उससे भारतीयों को खतरा नहीं है, जितना कि पाकिस्तानी लड़ाकों से है. वहीं, बबलू की पत्नी ने भी अपने पति के वतन वापसी पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह समय उसके लिए सबसे खुशी भरा है. पूरा परिवार बबलू के वतन वापसी और घर लौटने पर खुश है.