'ट्रेन रोकने के लिए जंजीर खींचिए.' भारतीय रेलवे में चिरकाल से लिखी ये पंक्तियां जल्द ही इतिहास हो जाएंगी. रेलवे जल्द ही इन जंजीरों से छुटकारा पा लेगा. रेलवे से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक चेन खींचने से हुई देरी के कारण रेलवे को लगभग तीन हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है.
बरेली के इज्जतनगर में रेल के डब्बों से इन जंजीरों को हटाने का काम चल रहा है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक आपातकाल स्थिति के लिए जल्द ही कोई विकल्प लाया जाएगा, जैसे ड्राइवर का मोबाईल नंबर. उत्तर पूर्वी रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह कहते हैं, 'नए बन रहे कोचों में यह इमरजेंसी जंजीरें नहीं रहेंगी. हमने पुराने कोचों से जंजीरें निकालने का काम शुरू भी कर दिया है.'
उन्होंने कहा कि हम हर तीसरे कोच में ड्राइवर का नंबर लिखवा रहे हैं ताकि आपातकालीन स्थिति में कोई यात्री उससे संपर्क कर सके. इज्जतनगर के अपने हालिया दौरे में रेलवे राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा था, उत्तर प्रदेश और बिहार में ट्रेनों के लेट चलने की समस्या में चेन पुलिंग बहुत हद तक जिम्मेदार है.