वर्ष 2012 में इंटरमीडियट पास कर यूपी के ‘इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट’ (आइटीआइ) में एडमिशन लेने वाले तकरीबन 20 हजार स्टूडेंट्स को न तो सरकार की तरफ से फ्री बंटने वाला लैपटॉप मिलेगा और न ही टैबलेट.
असल में आइटीआइ के 90 फीसदी डिप्लोमा कोर्सेज की मिनिमम क्वालीफिकेशन हाईस्कूल पास है. इन कोर्सेज में ज्यादातर इंटर पास स्टूडेंट्स एडमीशन ले रहे हैं. ये वे स्टूडेंट्स हैं जो इंटरमीडियट के बाद सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन नहीं मिलने के बाद आइटीआइ के डिप्लोमा कोर्सेज में एडमिशन ले लेते हैं.
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अखिलेश यादव सरकार द्वारा बांटे जा रहे फ्री लैपटॉप और टैबलेट के लिए बने नियमों के मुताबिक 2012 में इंटरमीडियट पास कर आगे की पढ़ाई (मतलब ग्रेजुएशन) करने वाले स्टूडेंट्स को लैपटॉप और हाईस्कूल पास कर इंटमीडियट या इसके बराबर वाले कोर्स की पढ़ाई वाले स्टूडेंट्स को टैबलेट दिया जाएगा.
इंटरमीडियट पास कर हाईस्कूल पास की मिनिमम क्वालिफिकेशन वाले कोर्स में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को फ्री लैपटॉप देने का कोई नियम निर्धारित नहीं है. यही नहीं, ऐसे स्टूडेंट्स को टैबलेट भी नहीं दिया जा सकता, क्योंकि ये केवल हाईस्कूल पास स्टूडेंट्स के लिए है.
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ऐसे में आइटीआइ के केवल उन्हीं स्टूडेंट्स को टैबलेट मिलेगा, जो वर्ष 2012 में हाइस्कूल पास करने के बाद यहां पढ़ रहे हैं. ऐसे स्टूडेंट्स की संख्या 10 से 12 हजार के करीब है.