देश में स्वच्छता के पैमाने पर स्वच्छ शहरों की रेटिंग तय करने के लिए स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू होने वाला है. इस बार नोएडा अथॉरिटी ने स्वच्छता सर्वेक्षण में वाटर प्लस श्रेणी में अपना दावा पेश किया है. इस कैटेगरी में सर्वे करने केंद्र की टीम जल्द ही नोएडा आने वाली है. नोएडा अथॉरिटी की सीईओ ऋतु माहेश्वरी को पूरा भरोसा है कि इस बार शहर को पहला स्थान मिलेगा.
ऋतु माहेश्वरी ने कहा कि मार्च महीने में अलग-अलग बिंदुओं पर जांच की जा चुकी है, अब स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत वाटर प्लस कैटेगरी में जांच होनी बाकी है. उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब नोएडा प्राधिकरण ने वाटर प्लस कैटेगरी में अपना दावा पेश किया है. स्वच्छता श्रेणी में रैंकिंग के लिए कुल 700 प्वाइंट दिए जाते हैं. इसलिए नोएडा अथॉरिटी की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा प्वाइंट हासिल हो सकें.
गौरतलब है कि शहर की 4 एसटीडी से निकलने वाले 190 एमएलडी पानी को इस्तेमाल करने के लायक बनाया जाता है. शोधित पानी का उपयोग शहर की इमारत साइड से लेकर बार और अन्य जगह पर किया जाता है.
भूजल के संरक्षण की दिशा में यह बेहद अहम और बड़ा कदम माना जा रहा है. नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण में इसका बड़ा असर पड़ेगा. केंद्र सरकार की तरफ से मार्च के महीने में हुए सर्वे के मुताबिक टीमों ने सुविधाओं के तीन मानकों के आधार पर करीब 2400 नंबर का सर्वेक्षण किया. इस सर्वे के दौरान टीमें कूड़ा निस्तारण के बॉयोरेमिडेशन प्लांट, एमआएफ प्लांट, सेक्टर एरिया में लगे बॉयोमेथिनाइजेशन प्लांट पर भी गई थी.
बता दें कि पिछले साल नोएडा कचरा मुक्त शहरों की लिस्ट में देश के टॉप शहरों में शामिल हो गया था. हाल ही में नोएडा थ्री स्टार रेटिंग सिटी बन गया है. शहरी विकास मंत्रालय ने कचरा मुक्त प्रबंधन के लिए नोएडा को ‘थ्री स्टार’ रेटिंग दी थी. केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने नोएडा के साथ ही विशाखापट्टनम, वड़ोदरा, अहमदनगर, पुणे, बल्लारपुर, ग्वालियर को भी कचरा मुक्त प्रबंधन में ‘थ्री स्टार’ रेटिंग देने की घोषणा की थी.