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नोएडा: कंपनी ने ऑक्सीजन देने से किया मना, चाइल्ड PGI ने पुलिस को की शिकायत

नोएडा सेक्टर-30 चाइल्ड पीजीआई प्रबंधन ने फरीदाबाद में स्थित ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी के खिलाफ सेक्टर 20 थाने में शिकायत दर्ज कराई है. कंपनी ने प्रबंधन को ऑक्सीजन की सप्लाई करने से मना कर दिया, जबकि, कंपनी और चाइल्ड पीजीआई के बीच ऑक्सीजन सप्लाई करने का अनुबंध है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर ( फोटो-पीटीआई)
प्रतीकात्मक तस्वीर ( फोटो-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कंपनी ने ऑक्सीजन देने से किया मना
  • पुलिस ने दर्ज की शिकायत
  • डीएम की तरफ से मदद का आश्वासन

पूरे देश में कोरोन का महासंकट देखने को मिल रहा है. एक तरफ लगातार रिकॉर्डतोड़ मामले दर्ज किए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं अब जवाब देने लगी हैं. स्थिति इतनी विकराल है कि मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं, ऑक्सीजन के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. इन मुश्किल परिस्थितियों के बीच एक और और चौंकाने वाली घटना सामने आई है. एक कंपनी ने चाइल्ड पीजीआई को ऑक्सीजन सप्लाई करने से ही मना कर दिया और देखते ही देखते 45 मरीजों की जान खतरे में आ गई.

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कंपनी ने ऑक्सीजन देने से किया मना

नोएडा सेक्टर-30 चाइल्ड पीजीआई प्रबंधन ने फरीदाबाद में स्थित ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी के खिलाफ सेक्टर 20 थाने में शिकायत दर्ज कराई है. कंपनी ने प्रबंधन को ऑक्सीजन की सप्लाई करने से मना कर दिया, जबकि, कंपनी और चाइल्ड पीजीआई के बीच ऑक्सीजन सप्लाई करने का अनुबंध है. ऐसे में चाइल्ड पीजीआई की तरफ से अब पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई गई है. हैरानी की बात ये है कि कंपनी ने तो ऑक्सीजन देने से मना कर दिया, लेकिन इस वजह से चाइल्ड पीजीआई में 2 मरीजों की मौत हो चुकी है और अभी भी ऑक्सीजन की भारी किल्लत देखने को मिल रही है. 

डीएम की तरफ से आश्वासन

जानकारी मिली है कि चाइल्ड पीजीआई के पास सिर्फ 11 बजे तक ही ऑक्सीजन बची है, ऐसे में उन्हें तुरंत सप्लाई की जरूरत है. डीएम की तरफ से आश्वासन दिया गया है कि उन्हें बहुत जल्द 30 ऑक्सीजन सिलेंडर मिलने जा रहे हैं, लेकिन तब तक स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. वैसे ये पहला मामला नहीं है जहां पर ऑक्सीजन की किल्लत की वजह से मरीजों की मौत हो रही हो. हालात इतने खराब हैं कि अब कई बड़े निजी अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की कमी देखने को मिल रही है और वहीं कमी लोगों की जान पर भारी पड़ रही है. दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में तो 25 लोगों की जान सिर्फ इसलिए चली गई क्योंकि उन्हें समय रहते ऑक्सीजन नहीं मिली. ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सजीन की आपूर्ति बड़ी चुनौती बनी हुई है.

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इस ऑक्सीजन आपूर्ति को पूरा करने के लिए केंद्र की तरफ से कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने 162 पीएसए प्लांट की मंजूरी राज्यों में लगने को दे दी है, जिससे 154 मीट्रिक टन ऑक्सीजन क्षमता बढ़ाई जा सकेगी. दावा किया जा रहा है कि सिर्फ 40 से 50 लाख में एक पीएसए प्लांट को लगाया जा सकता है. ऐसे में लिक्विड ऑक्सीजन की बचत भी होगी और ज्यादा आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ेगा.

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