नोएडा पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले सात लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि ये लोग MEROPENEM इंजेक्शन का जैनरिक इंजेक्शन जो निमोनिया की बीमारी में काम आता है और अन्य सस्ते इंजेक्शन खरीदकर लाते थे. उसके बाद उसका लेबल छुटाकर रेमडेसिविर इंजेक्शन का नकली लेबल चिपका देते थे, उसके बाद अस्पतालों के पास घूमने लगते. अस्पतालों के पास सिरियस मरीजों और उनके परिजनों से संपर्क कर के इंजेक्शन को 40 से 45 हज़ार में बेच देते थे.
यूं चढ़े पुलिस के हत्थे
शनिवार को भी ये लोग नोएडा के सेक्टर 62 स्थित फोर्टिस अस्पताल में नकली रेमडेसिविर बेचने आये थे, जिन्हें सेक्टर 58 पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस को इनके कब्जे से 9 पीस रेमडेसिविर इंजेक्शन, 140 नकली लेवल रेमडेसिविर इंजेक्शन, एक पैकेट सफेद पदार्थ (वजन करीब 1 किलो), 10 अन्य कंपनी के इंजेक्शन, दो मोटरसाइकिल एक स्कूटी आर 245000 रुपये कैश बरामद हुआ है.
मेडिकल सर्विसेज से जुड़े हैं आरोपी
पुलिस ने आगे बताया कि ये सभी लोग मेडिकल सर्विसेज से जुड़े हुए हैं और अलग-अलग अस्पतालों और फार्मेसी कंपनी में काम करते हैं. फिलहाल पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
पुलिस बोली- पूर्व मंत्री का भांजा मुशीर भी शामिल, पूर्व मंत्री का खंडन
इनके कब्जे से 9 असली रेमडेसिविर, 140 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन, लाखों रुपये और अन्य कई इंजेक्शन बरामद किए गए हैं. पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किए गए गैंग में मेरठ के दिग्गज समाजवादी पार्टी नेता और पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर का भांजा मुशीर भी शामिल है. हालांकि नेता शाहिद मंजूर का कहना है कि उनकी कोई बहन ही नहीं है तो भांजा कहां से होगा.
दिपांशु और अब्दुल कोलम्बिया एशिया अस्पताल में जीएनएम के पद पर स्टाफ नर्सिंग का कार्य करते हैं. सलमान आईआईएमटी मेरठ से 2019 बैच से बीफार्मा करके बायोटेक कंपनी में एमआर के पद पर नौकरी कर रहा है. मुशीर हीलिंग ट्री अस्पताल इंदिरापुरम गाजियाबाद में इमरजेंसी टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत है. ये सभी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों के परिवारों के सम्पर्क में आने पर विश्वास में लेते थे. मरीज के परिजन रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीद लेते थे.