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जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मिलेगा न्यूयॉर्क जैसा अनुभव, टनल्स में पार्क होंगे विमान, ये होंगी खासियतें

जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को आधुनिक सुविधाओं से लैस रखा जाएगा. यहां आने वाले यात्रियों को हॉन्गकॉन्ग और न्यूयॉर्क जैसा अनुभव देने के लिए कई तरह की सुविधाएं शुरू होंगी. बताया जा रहा है कि बाकी एयरपोर्ट्स की तरह विमान खुले में पार्क नहीं होंगे, बल्कि उनके लिए टनल्स बनाई जाएंगी.

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जेवर में बन रहा है इंटरनेशनल एयरपोर्ट (प्रतीकात्मक तस्वीर-PTI)
जेवर में बन रहा है इंटरनेशनल एयरपोर्ट (प्रतीकात्मक तस्वीर-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जेवर में बन रहा है नोएडा एयरपोर्ट
  • 2024 तक शुरू हो जाएगा एयरपोर्ट

जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर यात्रियों को हॉन्गकॉन्ग और न्यूयॉर्क जैसा अनुभव हो सके, इसके लिए यहां आधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी. जेवर में बन रहे दक्षिण एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट को 2024 से शुरू कर दिया जाएगा. यहां ऑटोमेटेड पीपल्स मूवर्स भी लगाए जाएंगे. 

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यूपी सरकार की प्लानिंग के मुताबिक, एयरपोर्ट और ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-21 में बन रही फिल्मसिटी को एक साथ जोड़ दिया जाएगा. साथ ही एम्यूजमेंट पार्क को भी इस नेटवर्क से जोड़ा जाएगा. वैसे तो एम्यूजमेंट पार्क और एयरपोर्ट के बीच दूरी 6 किलोमीटर होगी. पर इन दोनों के बीच जो रैपिड लाइन प्रस्तावित है, वो दूसरे सेक्टरों और इंडस्ट्रियल एरिया से भी गुजरेगी. इस कारण ये लाइन करीब 16 किमी लंबी होगी. बताया जा रहा है कि नोएडा एयरपोर्ट से हवाई यात्रा दिल्ली के इंदिरा गांधी इटरनेशनल एयरपोर्ट की तुलना में सस्ती होगी. 

एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के तीसरे और चौथे चरण में यहां टनल्स बनाए जाएंगे, जहां एयरक्राफ्ट की पार्किंग का इंतजाम किया जाएगा. टनल्स में ही लॉजिस्टिक्स एरिया भी बनेगा, ताकि एयरपोर्ट ऑपरेशन में किसी तरह की बाधा ना आए.

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अनुमान है कि तीसरे चरण तक इस एयरपोर्ट से हर साल करीब 5 करोड़ लोग यात्रा करेंगे. ऐसे में एयरपोर्ट के ऊपर लॉजिस्टिक और पार्किंग होने से ऑपरेशन में दिक्कत आ सकती है. 

जानकारी ये भी है कि अगले तीन साल में इस एयरपोर्ट पर एक टर्मिनल और एक रनवे का संचालन शुरू हो जाएगा. यहां दो टर्मिलन बनाए जाएंगे और दोनों टर्मिनल को आपस में कनेक्ट रखा जाएगा. यात्रियों और लॉजिस्टिक के लिए भी अलग-अलग एंट्री और एग्जिट गेट बनाए जाएंगे. यात्रियों की यमुना एक्सप्रेस वे के पश्चिमी ओर से तो लॉजिस्टिक की पूर्वी ओर से एंट्री और एग्जिट होगी. एयरपोर्ट पर 38.5 मीटर ऊंचा एटीसी टॉवर भी बनाया जाएगा. 

पूरी तरह से शुरू होने के बाद इस एयरपोर्ट से हर साल 7 करोड़ से ज्यादा यात्रियों के यात्रा करने की संभावना है. यहां दो पैरलल रनवे जाएंगे. अगले 40 साल तक इस एयरपोर्ट का विस्तार होगा. 

 

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