कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान जहां देश के अलग-अलग हिस्सों में लॉकडाउन तो कहीं कोरोना कर्फ्यू लगा हैं, वहीं दूसरी तरफ यमुना प्राधिकरण उत्तर प्रदेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को परवान चढ़ाने में जुटा हुआ है. प्राधिकरण ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विकास के कारण इससे प्रभावित परिवारों के लिए भूखंड आवंटन का काम पूरा कर लिया है.
इस प्रोजेक्ट में जिन परिवारों की जमीन आ रही है, उनको जेवर बांगर में बसाई जा रही टाउनशिप में 3000 से ज्यादा भूखंड आवंटित किए जा चुके हैं. इसी कड़ी में सोमवार को दयानतपुर खेड़ा के प्रभावित परिवारों को 243 भूखंडों का आवंटन किया गया. गौरतलब है कि कोरोना वायरस की महामारी के दौरान यमुना प्राधिकरण ने यह काम पूरा किया है.
इस संबंध में ओएसडी शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि ग्रामीणों को तय समय सीमा में पुनर्वास स्थल पर निर्माण कार्य करके मूल स्थान से कब्जा हटाना होगा. ग्रामीणों को 60 दिन में गांव खाली करने होंगे. जिस जमीन का अधिग्रहण किया गया है, उस पर कब्जा करने के लिए प्राधिकरण पहले ही एयरपोर्ट का विकास कर रही कंपनी को पत्र भेज चुका है. इस प्रोजेक्ट से प्रभावित हो रहे परिवारों को अब जल्द से जल्द आवंटित प्लॉट पर काम कराना होगा और वहां शिफ्ट होना होगा जिसके बाद ही एयरपोर्ट का काम शुरू किया जा सकेगा.
गौरतलब है कि यमुना प्राधिकरण ने जेवर एयरपोर्ट के लिए 1334 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है. इससे नंगला गणेशी, नंगला छीतर, किशोरपुर, नंगला शरीफ, नंगला फूलखां, दयानतपुर खेड़ा और रोही गांव की आबादी प्रभावित हुई है. इनके पुनर्वास के लिए जेवर बांगर में भूखंड आवंटित किए गए हैं. जेवर बांगर में प्रत्येक गांव के लिए एक अलग ब्लॉक तैयार किया गया है.
प्राधिकरण ने साफ किया है कि आवंटित प्लॉट के आस-पास सभी बुनियादी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं. बता दें कि स्विट्जरलैंड की कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट को 29 हजार 650 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 1334 हेक्टेयर भूमि में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण का ठेका दिया गया है. परियोजना के लिए पहले ही नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की ओर से भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है.