दिल्ली-फरीदाबाद-गाजियाबाद-हापुड़ और नोएडा एक्सटेंशन को जोड़ने वाला पर्थला गोल चक्कर की सूरत बदलने वाली है. इसका खाका भी तैयार हो चुका है. इस चौराहे पर केबल सस्पेंशन ब्रिज बनाया जाएगा, जिसके बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच वाहनों को कोई बैरियर नहीं मिलेगा. फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद जिसे एफएनजी भी कहा जाता है. इस रूट पर ट्रैफिक का दबाव कम करने की प्लानिंग हो गई है.
इस प्रोजेक्ट के पूरा होते ही पर्थला गोलचक्कर से गुजरने वाले लाखों वाहनों को बड़ी राहत मिलेगी. बता दें कि पर्थला चौराहे को नोएडा-ग्रेटर नोएडा वेस्ट का बॉर्डर कहा जाता है. आबादी बढ़ने के साथ साथ कई सालों में इस चौराहे पर वाहनों का बहुत दबाव बढ़ा है. इस रूट पर तकरीबन ड़ेढ लाख वाहनों की आवाजाही होती है. इसे आसान बनाने के लिए सेक्टर-71 चौराहे से किसान चौक के बीच 700 मीटर लंबा फ्लाईओवर बनाया जा रहा है. इस पर 80.83 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसके ऊपर 150 मीटर का हिस्सा केबल सस्पेंशन तकनीकि से तैयार किया जा रहा है.
दिल्ली से गाजियाबाद, हापुड़ और ग्रेटर नोएडा वेस्ट जाने के लिए इस चौराहे पर बिना सिग्नल के सीधे पहुंचा जा सकेगा. इसको बनाने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. एमपी-3 मार्ग शहर के व्यस्ततम रूट में से एक है. इस रास्ते पर ट्रैफिक का भारी दबाव रहता है और यात्रियों को हर दिन जाम की स्थिति का सामना करना पड़ता है. इसके निर्माण के बाद नोएडा सेक्टर- 51, 52, 61, 70, 71, 72, 73, 74, 75, 76, 77, 78, 79, 121, 122 के अलावा नोएडा एक्सटेंशन और गाजियाबाद वासियों को यातायात में राहत मिलेगी.
सुविधाजनक होने के साथ साथ इस ब्रिज के तैयार होने के बाद पर्थला चौराहे का नजारा भी बेहद खुबसूरत दिखाई देगा. गोल चक्कर के ऊपर केबल सस्पेंशन ब्रिज बनेगा. इसके बीच में गोल चक्कर रहेगा. नीचे अंडरपास से वाहन बिना किसी बाधा के फर्राटा भर सकेंगे. ब्रिज के समानांतर ही ग्रेटर नोएडा वेस्ट को जोड़ने वाली प्रस्तावित मेट्रो लाइन शुरू होगी. मेट्रो, अंडरपास और केबल सस्पेंशन ब्रिज तीन तरफा खूबसूरती से लबरेज होगा.
इस प्रॉजेक्ट की लागत करीब 80.53 करोड़ रुपये आएगी. पिछले साल 26 दिसंबर को इसका निर्माण शुरू किया गया था. कांट्रैक्ट के तहत 23 जून, 2022 तक बनाने की समय सीमा तय की गई थी, पर जिस रफ्तार से काम चल रहा है, इस हिसाब से इसके अक्टूबर, 2021 तक पूरा होने की उम्मीद है.