ग्रेटर नोएडा में सुपरटेक एमेराल्ड कोर्ट परिसर में बने ट्विन टावर अब 21 अगस्त को जमींदोज किए जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने इन टावर्स को ढहाने के लिए तीसरी बार नई डेडलाइन बढ़ाई है. एटीएस विलेज सोसायटी के एमेरॉल्ड कोर्ट टावर परिसर को खाली कराया जाएगा. यानी एटीएस विलेज के फ्लैट में रहने वालों को सुरक्षित जगह पहुंचाया जाएगा. इन बहुमंजिला टावरों में विशेष तकनीक से ड्रिल कर बनाए गए सुराखों में बारूद लगाने का काम 1 अगस्त से शुरू होगा. ये काम 20 अगस्त तक पूरी जांच के साथ कर लिया जाएगा.
नोएडा विकास प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के मुताबिक, इस मामले में सुपरटेक एमेरॉल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान यानी सीबीआरआई, नोएडा पुलिस, नोएडा का प्रदूषण विभाग और गेल सहित सभी पक्षकारों के साथ बैठक की गई है. बैठक में इन सभी पक्षकारों ने अपने अपने विभाग और जिम्मेदारी की प्रगति रिपोर्ट पर चर्चा की. यह भी चर्चा की गई कि 21 अगस्त को दोनों टावर ध्वस्त किए जाने के बाद 3 महीने के अंदर मलबे को स्थानांतरित कर दिया जाएगा. मलबे के निस्तारण के लिए दूसरी खाली जगह पर प्लांट लगाने की योजना को खारिज कर दिया गया है. अब मलबा निस्तारण के लिए प्लांट भी यहीं पर लगेगा और निस्तारण भी यहीं होगा.
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यह भी तय किया गया कि मलबे से निकलने वाली उन चीजों को बेच दिया जाएगा, जिनका इस्तेमाल हो सकता है. टावर ढहाने के काम में लगीं एजेंसियों के मुताबिक, बारूद लगाने के लिए सुराख करने जैसे काम 80 प्रतिशत हो चुके हैं. आगे आने वाले 20 दिनों में इन टावरों में ड्रिलिंग का काम पूरा कर लिया जाएगा. इनमें 1 अगस्त से बारूद और पलीते लगाने का काम शुरू होगा. इसमें 20 दिन लगेंगे. एजेंसियों के विशेषज्ञों के मुताबिक, टावर ध्वस्त करने का काम दोपहर करीब 2 बजे होगा. इस दौरान आधे घंटे के लिए ग्रेटर नोएडा की ओर आने जाने के लिए वाहन चालकों को डायवर्ट किया जाएगा. आधे घंटे के लिए ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे सहित ट्विन टावर के चारों ओर के आधा किलोमीटर क्षेत्र में सभी सड़कें बंद रहेंगी. उस दिन वाहन चालकों को भंगेल फेज 2 और सूरजपुर रास्ते का प्रयोग करना होगा.