Twin Tower Demolition: नोएडा के सेक्टर 93ए में स्थित ट्विन टावर आज दोपहर ढाई बजे जमींदोज कर दिया गया. पलक झपकते ही 3700 किलोग्राम बारूद ने इन इमारतों को ध्वस्त कर दिया. सुपरटेक ट्विन टावर्स को गिराने में करीब 17.55 करोड रुपये का खर्च (Supertech Twin Towers Demolition Cost) आने का अनुमान है. टावर्स को गिराने का यह खर्च भी बिल्डर कंपनी सुपरटेक ही वहन करेगी. इन दोनों टावरों में अभी कुल 950 फ्लैट्स बने हैं और इन्हें बनाने में सुपरटेक ने 200 से 300 करोड़ रुपये खर्च किया था. पल-पल की अपडेट जानने के लिए पढ़ते रहिए aajtak.in
ट्विन टावर डिमोलिशन में एमराल्ड कोर्ट और एटीएस सोसायटी की बिल्डिंग के स्ट्रक्चर को कोई नुकसान नहीं हुआ है. कुछ शीशे टूटे हुए हैं, उन्हें भी कॉन्ट्रेक्ट के अनुसार एडफिस के द्वारा बदला जाएगा. एडफिस के ऑनर जिगर छेदा ने बताया कि ATS विलेज की 10 मीटर की बॉउंडीवॉल को नुकसान पहुंचा है. ये ईंटों से बनाई गई थी. हालांकि, ये बॉउंड्री मैन स्ट्रक्चर नहीं है. जल्द ही इसकी मरम्मत कराई जाएगी.
IGL ने ट्विन टावर के आसपास के इलाकों में गैस की आपूर्ति शुरू कर दी है. डिमोलिशन के बाद इस इलाके की पाइपलाइन में किसी तरह के बड़े नुकसान की सूचना नहीं है.
अथॉरिटी ने बताया कि 20 से ज्यादा मॉनिटरिंग सिस्टम कंपन नापने के लिए लगाए गए थे. अब निकाल लिए गए हैं. डाटा को दो हफ्ते में रिलीज करेंगे. मलबा हटाने के वक्त इसके लिए RWA से बात करेंगे. थोड़ा ग्लास टूटा है, जिसे रेजिडेंस से बात करके ठीक किया जाएगा.
ट्विन टॉवर डिमोलिशन के बाद अथॉरिटी की तरफ से बताया गया कि ये पूरा ऑपरेशन सफल रहा है. कोई व्यक्ति घायल नहीं हुआ है. किसी भी इलाके को नुकसान नहीं पहुंचा है. किसी भी अपार्टमेंट या बिल्डिंग में कंपन की वजह से भी कोई नुकसान नहीं आया है. अथॉरिटी की अनुमति के बाद शाम 7 बजे से यहां रहने वाले लोग सोसायटी में प्रवेश कर सकते हैं.
रितु माहेश्वरी ने बताया कि डिमोलिशन से पहले और बाद में AQI डेटा लगभग समान है. शाम करीब 7 बजे आसपास की खाली सोसायटियों में रहने वाले लोगों को अपने घरों में वापस जाने की अनुमति दी जाएगी. यहां लगभग 100 पानी के टैंकर और 300 सफाई कर्मचारी तैनात किए गए हैं.
नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि सुपरटेक ट्विन टावर्स (Supertech Twin Towers) का डिमोलिशन दोपहर 2.30 बजे सफलतापूर्वक हो गया है. अभी मौके पर सफाई का काम चल रहा है. जल्द ही सप्लाई बहाल कर दी जाएगी. AQI (एयर क्वालिटी एंडेक्स) पर नजर रखी जा रही है. हम थोड़ी देर में डेटा जारी करेंगे.
ट्विन टावर गिरने के बाद आसपास की सोसायटी को लेकर तस्वीर साफ होने लगी है. नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि मलबे की चपेट में आने से बगल की ATS सोसायटी की 10 मीटर की बॉउंडीवॉल डैमेज हो गई है. अन्य कहीं से नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है.
1-मोहिंदर सिंह /CEO नोएडा (रिटायर्ड)
2-एस.के.द्विवेदी /CEO,नोएडा (रिटायर्ड)
3-आर.पी.अरोड़ा/अपर CEO,नोएडा (रिटायर्ड)
4-यशपाल सिंह/विशेष कार्याधिकारी (रिटायर्ड)
5- स्व. मैराजुद्दीन/प्लानिंग असिस्टेंट (रिटायर्ड)
6-ऋतुराज व्यास/ सहयुक्त नगर नियोजक(वर्तमान में यमुना प्राधिकरण में प्रभारी महाप्रबंधक)
7-एस.के.मिश्रा /नगर नियोजक (रिटायर्ड)
8-राजपाल कौशिक/वरिष्ठ नगर नियोजक (रिटायर्ड)
9-त्रिभुवन सिंह/मुख्य वास्तुविद नियोजक (रिटायर्ड)
10-शैलेंद्र कैरे/उपमहाप्रबन्धक,ग्रुप हाउसिंग (रिटायर्ड)
11-बाबूराम/परियोजना अभियंता (रिटायर्ड)
12-टी.एन.पटेल/प्लानिंग असिस्टेंट (सेवानिवृत्त)
13-वी.ए.देवपुजारी/मुख्य वास्तुविद नियोजक (सेवानिवृत्त)
14-श्रीमती अनीता/प्लानिंग असिस्टेंट (वर्तमान में उ.प्र.राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण)
15- एन.के. कपूर /एसोसिएट आर्किटेक्ट (सेवानिवृत्त)
16-मुकेश गोयल/नियोजन सहायक (वर्तमान में प्रबंधक नियोजक के पद पर गीडा में कार्यरत)
17-प्रवीण श्रीवास्तव/सहायक वास्तुविद (सेवानिवृत्त)
18-ज्ञानचंद/विधि अधिकारी (सेवानिवृत्त)
19-राजेश कुमार /विधि सलाहकार (सेवानिवृत्त)
20- स्व. डी.पी. भारद्वाज/प्लानिंग असिस्टेंट
21-श्रीमती विमला सिंह/ सहयुक्त नगर नियोजक
22-विपिन गौड़/महाप्रबंधक (सेवानिवृत्त)
23-एम.सी.त्यागी/परियोजना अभियंता (सेवानिवृत्त)
24-के.के.पांडेय/ मुख्य परियोजना अभियंता
25-पी.एन.बाथम/ अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी
26-ए.सी सिंह/वित्त नियंत्रक (सेवानिवृत्त)
जमींदोज के साथ सड़कों पर धुंआ और राख का गुबार काफी देर तक देखा गया. जिसकी वजह से लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ होते देखी गई.
नोएडा के सेक्टर 93ए में प्राधिकरण और बिल्डर के भ्रष्टाचार की मिलीभगत से बनकर तैयार हुआ ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण का नजारा देखने वालों का तांता लग गया, जिससे नोएडा की सड़कें पूरी तरह ब्लॉक नजर आईं. करीब आधा से पौन घंटे तक ट्विन टावर के आसपास की सड़कें पूरी तरह जाम हो गईं. हाथ में मोबाइल लिए ट्विन टावर जमींदोज की तस्वीरों को रिकॉर्ड करते ऐसे हजारों की संख्या में लोगों वहां खड़े हो गए, जहां से उन्हें ये भ्रष्टाचार का ढहता हुआ नोएडा के बुर्ज खलीफा दिखा. इस बीच, कोई भी ट्रैफिक पुलिस कर्मी नजर नहीं आया.
नोएडा अथॉरिटी की CEO ने कहा कि तय प्लान के मुताबिक टावर को गिराया गया. उन्होंने कहा कि थोड़ा सा मलबा सड़क और एटीएस की दीवार की ओर गया है. बिल्डिंग गिरने के बाद डस्ट क्लाउट बना था. फिलहाल सभी ठीक है. साढ़े 6 बजे के बाद आसपास की सोसाइटियों में रहने वाले लोगों को घर में आने की अनुमति दी जाएगी. क्लीनिंग कराई जाएगी. गैस की सप्लाई औऱ इलेक्ट्रिसिटी भी रीस्टोर कराई जाएगी.
ट्विन टावर को ध्वस्त कर दिया गया है. थोड़ी देर पहले जहां गगनचुंबी इमारतें थी, वहां अब मलबे का ढेर है. ब्लास्ट के बाद धुएं का जबरदस्त गुबार उठा है. जब कुतुब मीनार से ऊंची इमारतों को जमींदोज किया गया तो मशरूफ ऑफ डस्ट नजर आया. धमाके से पहले सायरन बजाया गया था. इसके बाद एक ग्रीन बटन दबाया गया था. फिर पलक झपकते ही ट्विन टावर मिट्टी के ढेर में तब्दील हो गया.
नोएडा के सेक्टर 93A में स्थित सुपरटेक ट्विन टावर जमींदोज कर दिया गया है. 3700 किलोग्राम विस्फोटक के जरिए इमारत को ढहाया गया. थोड़ी देर पहले तक कुतुब मीनार से ऊंचा ट्विन टावर दिखाई दे रहा था, जो कि अब मलबे में तब्दील हो चुका है. ट्विन टावर के धराशायी होने बाद धूल का जबरदस्त गुबार उठा. बताया जा रहा है कि करीब दो घंटे तक धूल का गुबार हवा में रहेगा. वहीं आसपास के लोगों को हटाया गया है. हेल्थ इमरजेंसी के मद्देनजर तीन अस्पताल भी अलर्ट पर रखे गए हैं.
नोएडा का ट्विन टावर गिराने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. इसमें 18 करोड़ रुपये का खर्च आया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ट्विन टावर को गिराने के लिए 3,700 किलोग्राम से ज्यादा विस्फोटकों का उपयोग किया जाएगा.
ट्विन टावर को जमींदोज करने का वक्त काफी नजदीक आ गया है. थोड़ी देर बाद इन इमरतों को गिरा दिया जाएगा. ब्लास्ट से पहले सायरन बजाया गया है. बटन दबाते ही 9-12 सेकंड के अंदर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फाइनल तामील हो जाएगी.
डीसीपी ट्रैफिक गणेश प्रसाद साहा ने कहा कि हम लोगों को हेल्पलाइन नंबर के जरिए सूचित कर रहे हैं. गूगल मैप्स को भी अपडेट कर दिया गया है. ट्रैफिक की कोई समस्या नहीं है. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसायटी के निवासियों को निकालने का काम सुबह 7 बजे तक पूरा होना था, लेकिन इसमें थोड़ा अधिक समय लगा. जानकारी के मुताबिक ट्विन टावर को जियो टैक्सटाइल कपड़े से ढका गया गया है. एक्सपर्ट्स की मानें तो यह कपड़ा ब्लास्ट के दौरान मलबे के यहां-वहां फैलने से रोकेगा. वहीं गैस पाइप लाइन को बचाने के लिए स्टील प्लेट बिछाई गई है.
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ट्विन टावर पर सुपरटेक की ओऱ से बयान जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि बिल्डिंग प्लान का कोई उल्लंघन नहीं किया गया है. दूसरे प्रोजेक्ट पर इसका कोई असर नहीं है. सुपरटेक ने कहा कि 2009 में नोएडा अथॉरिटी ने प्लान को मंजूरी दी थी. नोएडा अथॉरिटी पर ठीकरा फोड़ने की कोशिश की गई है.
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सुपरटेक ट्विन टावर्स को जमींदोज करने का काउंटडाउन शुरू हो गया है. दोपहर 2.30 बजे ब्लास्ट कर इसे ढहा दिया जाएगा. अधिकारियों ने आसपास पानी के टैंकर और एंटी-स्मॉग गन भी तैनात किए हैं. अधिकारियों ने कहा कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे दोपहर 2:15 बजे से दोपहर 2:45 बजे के बीच बंद रहेगा. इस इलाके में वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है. चारों ओऱ बैरिकेड्स लगा दिए हैं. ट्विन टावर के सुरक्षित डिम़ॉलिशन के लिए अधिकारियों ने सुबह पूजा अर्चना भी की. ब्लास्ट एक्सपर्ट सेथन दत्ता ने कहा कि हम बहुत उत्साहित हैं. और पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि कुछ भी गलत नहीं होगा. हमने इसकी तैयारी में हफ्तों का समय बिताया है. दत्ता ने कहा कि हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि ब्लास्ट के दौरान कोई भी उस इलाके में न जाए.
ट्विन टावर थोड़ी देर बाद गिरा दिया जाएगा. इस इमारत के धराशायी होने पर कोई खुशी मना रहा है तो कोई दुखी भी है. एमेराल्ड कोर्ट में रहने वाली एकता गुप्ता ने कहा कि उनका Twin Towers में फ्लैट था. लेकिन ये मिल नहीं सका. एकता ने कहा कि उन्हें अभी तक रिफंड भी नहीं मिला है. सपनों का घर गिरने का बहुत दुख है. उम्मीद है कि पैसे वापस मिलेंगे. इसके साथ ही एमेराल्ड कोर्ट की RWA मेंबर सोनिका सिंह ने कहा कि Twin Towers गिरने की खुशी है.
डीसीपी ट्रैफिक गणेश ने कहा कि हमने गूगल पर भी अपडेट किया है, ताकि कोई मैप लगाकर आए तो उसे बंद रास्तों की जानकारी मिल जाए. हमने आसपास के रास्ते बंद कर दिए हैं. कंट्रोल रूम बनाया गया है.
ट्विन टावर गिराने से पहले वाइब्रेशन मापने वाले 15 इंस्टूमेंट लगाए गए हैं. ये इंस्टूमेंट ट्विन टावर और उसके आसपास सोसायटी में लगाए जाएंगे. 1:45 मिनट तक सभी इंस्टूमेंट को लगाकर सोसायटी और ट्विन टावर को पूरी तरह खाली कर दिया जाएगा. पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह और जॉइंट कमिश्नर लव कुमार मौके पर पहुंच चुके हैं. जॉइंट कमिश्नर लव कुमार ने कहा कि पूरी तैयारी हो चुकी है. रेड जोन के अंदर किसी को आने की अनुमति नहीं है.
सेक्टर 93A में सुपरटेक ट्विन टावर (Supertech Twin Towers) को गिराने से पहले ऐहतियात के तौर रप NDRF की टीम पहुंच गई है. जानकारी के मुताबिक 560 पुलिसकर्मी, रिजर्व फोर्स के 100 कर्मी, औऱ 4 क्विक रिस्पांस टीम को भी यहां तैनात किया गया है.
Twin Towers के पास दो हाउसिंग सोसाइटी में रहने वाले करीब 5,000 लोगों को निकालने का काम पूरा हो गया है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसायटी के निवासियों को सुबह सात बजे तक निकालना था, लेकिन इसमें थोड़ा अधिक समय लग गया.
ट्विट टावर को जमींदोज करने के बाद धूल का गुबार उठेगा. प्रदूषण के स्तर को जांचने के लिए मौके पर एक मशीन लगाई गई है.
ट्विन टावर को जमींदोज करने के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए ग्रीन कॉरिडोर की स्थापना की गई है. डीसीपी ट्रैफिक गणेश प्रसाद साहा ने बताया कि क्षेत्र में ट्रैफिक डायवर्जन लागू किया गया है. हर बात का बारीकी से ध्यान रखा जा रहा है.
एडिफिस इंजीनियरिंग के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता ने बताया कि हम आखिरी बार बारीकी से जांच करेंगे. जब सभी टीमें इमारतों से नीचे उतर आएंगी तो दोनों इमारतों को आपस में जोड़ा जाएगा. उसके बाद ट्विन टावरों से एक्सप्लोडर तक 100 मीटर लंबी केबल बिछाई जाएगी, जिससे इमारतों को ध्वस्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ध्वस्तीकरण से पहले हम एकबार पुलिस से कंफर्म करेंगे कि आसपास का एरिया पूरी तरह क्लियर है या नहीं. जैसे ही पुलिस की ओर से मैसेज मिलेगा, वैसे ही 2.30 बजे हम बटन दबाएंगे. मेहता ने कहा कि इस दौरान उनके अलावा 3 विदेशी विशेषज्ञों, भारतीय ब्लास्टर चेतन दत्ता, एक पुलिस अधिकारी और छह लोग बटन दबाने के लिए रहेंगे.
ट्विन टावर ध्वस्तीकरण से पहले नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे दोपहर 2.15 बजे से दोपहर 2.45 बजे तक बंद रहेगा. शहर ड्रोन के लिए नो फ्लाई जोन रहेगा. विस्फोटकों को रखने और उन्हें जोड़ने से संबंधित सभी काम पूरे हो चुके हैं. परियोजना के अधिकारियों ने कहा कि केवल ट्विन टावरों को आपस में जोड़ने और विस्फोट करने वाली 100 मीटर लंबी केबल लगाने का काम बाकी है. क्योंकि यहीं से आज बटन दबाया जाएगा.
सेक्टर 93ए में एमराल्ड कोर्ट और आसपास के एटीएस विलेज सोसाइटी के लगभग 5000 निवासियों को आज सुबह 7 बजे तक सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा गया था. साथ ही करीब 3000 वाहनों को हटाया गया है. इसके अलावा 150-200 पेट्स को भी वहां से दूर ले जाया गया है. जानकारी के मुताबिक कई लोग शनिवार को ही यहां से सुरक्षित स्थान पर चले गए थे.
एजेंसी के मुताबिक नोएडा प्राधिकरण की CEO रितु माहेश्वरी ने बताया कि ट्विन टावरों को सुरक्षित तरीके से गिराने के लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ट्विन टावर को गिराने के लिए 3,700 किलोग्राम से ज्यादा विस्फोटकों का उपयोग किया जाएगा.
नोएडा के सेक्टर 93A में स्थित सुपरटेक ट्विन टावर की कुतुब मीनार से ज्यादा ऊंचे हैं. इन्हें महज 12 सेकंड में वाटरफॉल इम्प्लोजन टेक्नीक से गिराया जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि ट्विन टावर भारत में अब तक की सबसे ऊंची बिल्डिंग होंगी, जिन्हें ध्वस्त किया जाएगा.
ट्विन टावर के आसपास की सोसाइटी में रहने वाले लोगों को बाहर निकालने के लिए टास्क फोर्स बनाई गई है. इसके साथ ही ट्रांसपोर्ट के जरिए आसपास रहने वाले सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की व्यवस्था की जा रही है.
नोएडा के सेक्टर 93 स्थित ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण से पहले वाटर फॉगिंग मशीन का ट्रायल किया गया. ये मशीन नोएडा प्राधिकरण की ओर से लगाई गई है. दरअसल, ध्वस्तीकरण के बाद धूल का गुबार उठेगा. इसे वाटर फॉगिंग मशीन के जरिए ही दबाया जाएगा.
नोएडा का ट्विन टावर आज गिराया जाएगा. इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. ध्वस्तीकरण करने वाले एक्सपर्ट ने विस्फोटक के सर्किट को जोड़ने वाले बॉक्स को तैयार किया. अब टीम आखिरी टचअप देने में जुटी है.
(इनपुट-भूपेंद्र चौधरी)
आज दोपहर ढाई बजे नोएडा के सेक्टर 93ए में स्थित ट्विन का डिमोलिशन किया जाएगा. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी नोएडा पुलिस औऱ ट्रैफिक कर्मियों ने संभाली है. लिहाजा ट्विन टावर के आसपास की सड़को को बंद कर दिया गया है. साथ ही पुलिस ने डायवर्जन के लिए बैरिकेडिंग कर दी है. ताकि इस बीच कोई कानून व्यवस्था और ट्विन टावर डिमोलिशन के पास सुरक्षा में कोई गलती न हो.