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Twin Towers: 28 अगस्त ट्विन टावर ध्वस्त... सायरन, धमाका और धुआं, नोएडा में मशरूम ऑफ डस्ट

एक के बाद हुए धमाकों से कुछ ही सेकंड में 300 करोड़ की लागत से तैयार हुए ये टावर्स खाक में मिल गए. इस दौरान पहले सायरन बजा, फिर तेज धमाके के साथ ही धूल का बड़ा गुबार आसमान में उड़ा और देखते ही देखते नोएडा में 'मशरूम ऑफ डस्ट' छा गया.

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सुपरटेक के ट्वीन टावर ध्वस्त
सुपरटेक के ट्वीन टावर ध्वस्त

आज 28 अगस्त को नोएडा के चर्चित 32 मंजिला ट्विन टावर्स इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गए. करीब ढाई बजे हुए एक के बाद एक धमाकों से कुछ ही सेकंड में 300 करोड़ की लागत से तैयार हुए ये टावर्स खाक में मिल गए. इस दौरान पहले सायरन बजा, फिर तेज धमाके के साथ ही धूल का बड़ा गुबार उठा और देखते ही देखते नोएडा में 'मशरूम ऑफ डस्ट' छा गया. 3700 किलीग्राम बारूद के धमाके की आवाज कई किलोमीटर दूर तक लोगों को सुनाई दी. सेक्टर-137 और सेक्टर-142 तक लोगों ने इन धमाकों की धमक को महसूस किया. वहीं कई किलोमीटर दूर सेक्टरों में बसे लोगों ने आसमान में उड़ रहे धूल के गुबार को देखा.

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ट्विन टावर

बता दें कि इस इमारत के गिरने से 55 हजार से 80 हजार टन मलबा निकलेगा. जिसे सी एंड की प्लांट में निस्तारित किया जाएगा. हालांकि इसमें 3 महीने से अधिक का समय लगेगा. वहीं मलबे में से कई हजार टन सरिया और स्टील भी निकलने का अनुमान है. उधर, धूल के बड़े गुब्बार के कारण आसपास के इलाके में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नोएडा प्राधिकरण द्वारा एंटी स्मॉग गन समेत अन्य तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. 100 टैंकर पानी का छिड़ाव कर पेड़-पौधों और घास पर जमी धूल को भी साफ किया जाएगा. 

ट्विन टावर

कितने लोगों ने खरीदे थे फ्लैट्स? 

इन ट्विन टावर्स में 711 ग्राहकों ने फ्लैट बुक कराए थे. इनमें से सुपरटेक ने 652 ग्राहकों का सेटलमेंट कर दिया है. बुकिंग अमाउंट और ब्याज मिलाकर रिफंड का विकल्प आजमाया गया है. मार्केट या बुकिंग वैल्यू+इंटरेस्ट की कीमत के बराबर प्रॉपर्टी दी गई है. बिल्डर ने प्रॉपर्टी की कीमत कम या ज्यादा होने पर पैसा रिफंड किया या अतिरिक्त रकम ली. जिन लोगों को बदले में सस्ती प्रॉपर्टी दी गई उनमें सभी को अभी तक बाकी रकम नहीं मिली है. ट्विन टावर्स के 59 ग्राहकों को अभी तक नहीं मिला रिफंड नहीं मिला है. रिफंड की आखिरी तारीख 31 मार्च 2022 थी. कुल 950 फ्लैट्स के इन 2 टावर्स को बनाने में ही सुपरटेक ने 200 से 300 करोड़ रुपये खर्च किए थे. गिराने का आदेश जारी होने से पहले इन फ्लैट्स की मार्केट वैल्यू बढ़कर 700 से 800 करोड़ तक पहुंच चुकी थी.

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ट्विन टावर

6 स्थानों पर एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित 

आसपास के इलाके में होने वाले वायु प्रदूषण को लेकर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 6 स्थानों पर मैनुअल एम्बियंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित किए हैं. जिनके जरिए वायु गुणवत्ता पर निगरानी रखी जा रही है. वहीं आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों से मास्क पहनने की अपील की गई है. नोएडा प्राधिकरण ने पार्श्वनाथ प्रेस्टीज एवं पार्श्वनाथ सृष्टि सोसायटी, गेझा गांव, सेक्टर-92, 93, 93ए, 93बी आदि क्षेत्र में पहने वाले बच्चों, बुजुर्गों और सांस संबंधित रोगियों को एहतियात के तौर पर मास्क पहनने को कहा है. 

कंट्रोल रूप की भी स्थापना 

प्राधिकरण में एक कन्ट्रोल रूम की भी स्थापना की गई है. किसी भी प्रकार की समस्या से जुड़ी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. कंट्रोल रूम में अधिकारी आपदा प्रबंधन की टीम और अस्पतालों के सम्पर्क में रहते हुए आवश्यक प्रबन्ध सुनिश्चित कर रहे हैं. कन्ट्रोल रूम आज 28 अगस्त 2022 को प्रातः 6.00 बजे से लेकर 30 अगस्त 2022 तक 24x7 संचालित रहेगा. कन्ट्रोल रूम में 0120-2425301, 0120-24215302, 0120-2425025 नंबरों पर शिकायक दर्ज कराई जा सकती है.

ट्विन टावर

पूरे हो जाते तो कैसे होते ये ट्विन टावर 

बता दें कि ये ट्विन टावर देश के नामी बिल्डर सुपरटेक के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार थे. इनमें 3, 4 और 5 BHK के फ्लैटों का निर्माण किया जाना था. दोनों टावरों को 40 मंजिल बनाने की योजना थी, लेकिन बीच में ही मामला कोर्ट में चला गया और काम पर रोक लग गई. 32 मंजिला इन टावरों में 950 फ्लैट्स थे, जो अब ध्वस्त हो चुके हैं. जानकारी के मुताबिक बिल्डर ने जब इस प्रोजेक्ट को लॉन्च किया था तो इसका खूब प्रचार प्रसार किया गया था. 2006 में लॉन्च किए गया ये प्रोजेक्ट नोएडा का पहला सबसे आलिशान प्रोजेक्ट था. इसमें स्विमिंग पूल, मार्केट, जिम, क्लब समेत अन्य सुविधाएं शामिल हैं. जानकारों की मानें तो अगर ये ट्विन टावर बनकर तैयार हो जाते तो वर्तमान समय में ये नोएडा ही नहीं, बल्कि एनसीआर की सबसे शानदार आवासीय इमारत होती.

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