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आजम के बाद एक और सपा विधायक मुश्किल में, इरफान सोलंकी के खिलाफ नॉन बेलेबल वॉरंट जारी

विधायक और उनके भाई के सभी संभावित ठिकानों पर छापेमारी करने के लिए पुलिस की कई टीमों का गठन किया गया है. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि विधायक और उनके भाई द्वारा अदालत या पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण नहीं करने पर उनकी संपत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई शुरू करने का निर्णय लिया गया है.

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इरफान सोलंकी
इरफान सोलंकी

भड़काऊ भाषण देने के मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक और पूर्व मंत्री आजम खान हाल में दोषी करार दिए गए हैं. कोर्ट ने उन्हें इस मामले में तीन साल की सजा सुना दी है. उनकी विधायकी भी रद्द हो चुकी है. इस बीच एक और सपा नेता मुश्किल में पड़ते नजर आ रहे हैं. दरअसल, उत्तर प्रदेश में एक स्थानीय अदालत ने समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी और उनके छोटे भाई के खिलाफ दंगा और आगजनी के एक मामले में गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया है. अधिकारियों ने गुरुवार को ये जानकारी दी है.

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ज्वाइंट कमीश्नर ऑफ पुलिस (कानून व्यवस्था) आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा कि सोलंकी और उनके भाई रिजवान के खिलाफ विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने जाजमऊ पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज होने के बाद बुधवार को गैर जमानती वारंट जारी किया.

तिवारी ने कहा कि सीसामऊ विधायक और उनके भाई को पकड़ने के लिए खोज जारी है. ये लोग गिरफ्तारी से बचने के लिए अंडर ग्राउंड हो गए हैं. तिवारी ने कहा कि विधायक और उनके भाई के सभी संभावित ठिकानों पर छापेमारी करने के लिए पुलिस की कई टीमों का गठन किया गया है. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि विधायक और उनके भाई द्वारा अदालत या पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण नहीं करने पर उनकी संपत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई शुरू करने का निर्णय लिया गया है.

7 नवंबर को पुलिस ने सोलंकी और रिजवान पर एक महिला के साथ भूमि विवाद के बाद दंगा और आगजनी करने का मामला दर्ज किया था. महिला ने उन पर उसके घर को जलाने का आरोप लगाया था. ये एफआईआर शहर में डिफेंस कॉलोनी जाजमऊ की नजीर फातिमा की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी.  फातिमा ने कहा था कि उसके पास पॉश डिफेंस कॉलोनी में 535 वर्ग गज का एक प्लॉट है, जहां वह 1986 से रह रही थी. उसने आरोप लगाया कि विधायक और उसके भाई ने उसकी लगभग 200 वर्ग गज जमीन हड़प ली है.

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इधर, अधिकारियों ने कहा कि जाजमऊ पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर अभिषेक शुक्ला को सपा विधायक के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने और महिला की शिकायत पर विचार करने से इनकार करने के लिए निलंबित कर दिया गया था.

विधायक सोलंकी और उनके भाई पर आईपीसी की धारा 147 (दंगा), 327 (स्वेच्छा से संपत्ति हड़पने के लिए चोट पहुंचाना), 427 (नुकसान पहुंचाने वाली शरारत), 386 (किसी व्यक्ति को मौत या गंभीर चोट के डर से जबरन वसूली), 436 (घर को नष्ट करने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ से शरारत), 504 (जानबूझकर अपमान), 506 (आपराधिक धमकी) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है. 

 

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