यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव की अध्यक्षता वाले डिग्री कॉलेज को सरकारी खजाने से मुहैया कराए गए करोड़ों रुपये के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने केंद्र से पूछा है कि आकस्मिक निधि को राज्य सरकारें किस तरह खर्च कर सकती हैं, और कितना? मामले में अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी.
जस्टिस केएस राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पीठ ने एमएन राय की याचिका पर केंद्र को जवाब देने का निर्देश दिया. साथ ही अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती से इस मामले में कोर्ट को राय देने के लिए कहा. अदालत ने राज्य सरकार की ओर से एक ही शिक्षण संस्थान को करीब 70 करोड़ रुपये आकस्मिक निधि से मुहैया कराने पर हैरानी और नाराजगी जताई.
याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि शिक्षण संस्थान को इतनी बड़ी आर्थिक मदद राज्य सरकार की ओर से महज इसलिए दी गई क्योंकि शिवपाल सिंह यादव कॉलेज के अध्यक्ष थे और राज्य के कैबिनेट मंत्रियों में शामिल होने के साथ मुख्यमंत्री के भाई भी थे. शिवपाल सिंह के कॉलेज को यह मदद उस वक्त दी गई थी जब उनके भाई और सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव सूबे के मुख्यमंत्री थे.