उत्तर प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए हर तरह की कोशिश में जुटी यूपी सरकार ने अप्रवासी भारतीयों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सूबे में पहली बार अलग से नॉन रेजीडेंट इंडियंस (एनआरआई ) विभाग गठित कर दिया है. इस संबंध में सचिव सचिवालय प्रशासन की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है.
प्रदेश के करीब दो लाख एनआरआई विदेशों में कार्यरत हैं. इनमें से अधिकतर के परिवारीजन प्रदेश में ही रहते हैं. सरकार सूबे में निवेश के लिए इन अप्रवासी भारतीयों की क्षमता का उपयोग करना चाहती है. विदेशी कंपनियों व उद्यमियों के साथ संपर्क में एनआरआई अहम कड़ी साबित होते रहे हैं.
वित्त वर्ष 2013-14 में शासन स्तर पर एनआरआई से संपर्क बढ़ाने पर विमर्श के दौरान एनआरआई नाम से विभाग बनाने का सुझाव आया था. अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक रंजन ने विचार पर सहमति जताते हुए एनआरआई व उनके परिजनों की समस्याओं के समाधान के लिए उद्योग बंधु में एनआरआई सेल का गठन कराने के साथ ही विभाग के गठन की कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया था.
मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बताया कि एनआरआई नाम से विभाग गठित करने के प्रस्ताव को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए वित्तीय वर्ष 2014-15 के विकास एजेंडे में शामिल किया गया था. एजेंडे पर तेजी से कार्यवाही करते हुए विभाग का गठन कर दिया गया है.
सचिव सचिवालय प्रशासन अरविंद नारायण मिश्र ने इस संबंध में शासनादेश जारी करते हुए कहा है कि नवसृजित विभाग के लिए आवश्यक पदों का सृजन की कार्यवाही तक एनआरआई विभाग का काम औद्योगिक विकास विभाग का अनुभाग-छह देखेगा.