केंद्र की सत्ता में आने के बाद उत्तर प्रदेश में सक्रिय हुई बीजेपी अब यह भी परखेगी कि पार्टी का निशान लेकर चलने वाले कार्यकर्ता और नेता अपनी नीति से कितना परिचित हैं. इसके लिए बड़े पैमाने पर कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग की कवायद शुरू हुई है.
खास बात यह है कि ट्रेनिंग के बाद उनका लिखित या मौखिक टेस्ट भी लिया जाएगा कि वे विचारधारा के बारे में कितना जानते हैं. पिछले दिनों यूपी के क्षेत्रीय पदाधिकारियों की प्रदेश कार्यालय में हुई बैठक में तय हुआ था कि पूरे राज्य में कार्यकर्ताओं के लिए अभ्यास क्लास लगाए जाएंगे.
जिलों और मंडलों पर इसका अनुपालन शुरू हो गया है. कानपुर महानगर का अभ्यास सत्र शनिवार से शुरू हो रहा है. दो दिन की ट्रेनिंग में सात सेशन होंगे, जिसमें 423 कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे. इनमें सात विधानसभा क्षेत्रों के विधायक, प्रत्याशी, पदाधिकारी, पार्षद से लेकर, पूर्व मेयर और मंडल पदाधिकारी शामिल होंगे. प्रशिक्षण के समापन तक कोई भी प्रतिभागी वहां से बाहर नहीं जा सकेगा.
रविवार को समापन सत्र के पहले लिखित परीक्षा होगी. इसके लिए 20 सवाल तैयार किए गए हैं. इसकी आंसरशीट समापन सत्र में मौजूद प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी और महामंत्री संगठन सुनील बंसल के सामने रखी जाएगी.
महानगर अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी कहते हैं कि परीक्षा के परिणाम से प्रतिभागी अपना मूल्यांकन खुद कर सकेंगे. यह पूरी प्रक्रिया हम प्रदेश नेतृत्व के सामने भी रखेंगे. इसे बाकी जिलों में लागू करना उनका फैसला होगा.