मुजफ्फरनगर के राहत शिविरों में भले ही दंगा पीडि़त महीनों से खुले आसमान के नीचे पड़े हों, लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए आज भी अपने गांव सैफई का स्वीमिंग पूल पहली प्राथमिकता है.
मुख्यमंत्री को जब यह पता कि उनके पुश्तैनी गांव में बने स्विमिंग पूल का काम इसलिए कुछ समय से रुका है कि खेल निदेशक शैलष कुमार सिंह ने इसकी फाइल अपने पास दो महीने से अटका रखी है तो सिंह को एक झटके में सस्पेंड कर दिया गया. एक स्वीमिंग पूल की फाइल रोकने को अखिलेश ने पूरे प्रदेश में खेलकूद के विकास में बाधा डालने के बराबर माना.
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि खेल निदेशक शैलेष कुमार सिंह द्वारा प्रदेश में खेलकूद के विकास सम्बन्धी क्रियाकलापों में व्यवधान पैदा किया जा रहा था. उनके द्वारा सैफई स्वीमिंग पूल की फाइल को अपने स्तर पर दो माह तक रोके रखा गया. शासन द्वारा निर्देशों के उपरान्त इनके द्वारा आगणन उपलब्ध कराया गया तथा विलम्ब का कारण भी स्पष्ट नहीं किया गया.
प्रवक्ता ने बताया कि शासन स्तर से धनराशि स्वीकृत किए जाने के बाद भी कार्यदायी संस्थाओं को धनराशि तत्काल न उपलब्ध कराकर देरी से उपलब्ध कराई गई. ऐसा बार-बार कहने के बाद किया गया.
वित्तीय वर्ष 2013-14 में खेल एवं खेल से संबंधित क्रियाकलापों को प्रोत्साहन देने हेतु प्राविधानित धनराशि पांच करोड़ रुपए का सम्यक प्रस्ताव शासन को उपलब्ध नहीं कराया गया.
इसके अलावा, केन्द्रीय क्रय नीति के संबंध में शासन के निर्णय की प्रतीक्षा किए बिना ही जनपद में हो रहे निर्माण कार्य एवं फर्नीचर आदि के लिए कार्यदायी संस्थाओं को आदेश जारी कर दिए गए. इनके द्वारा शासन को वांछित सूचनाएं समय से नहीं उपलब्ध कराई जा रही थी, जिससे शासकीय कार्य प्रभावित हो रहे थे.
इनके मद्देनजर शासकीय कार्यों के प्रति लापरवाही बरतने आदि अनियमितताओं के कारण शैलेष कुमार सिंह को अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन एवं अपील) नियमावली-1969 के अन्तर्गत अनुशासनिक कार्यवाही प्रस्तावित करते हुए तात्कालिक प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है.