उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी सरकार के आला अफसरों और पार्टी के कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुए कहा कि वो प्रेस के बीच में जब भी जाएं तो शब्दों का चयन सोच समझकर करें और अपनी भाषा पर नियंत्रण रखें.
गौरतलब है कि गुरुवार को ही प्रदेश के प्रमुख सचिव (गृह) अनिल कुमार गुप्ता ने बेतुका बयान दिया था कि ‘मुजफ्फरनगर के राहत शिविरों में बच्चों की मौत ठंड से नहीं हुई थी. अगर ठंड से मौत होती तो साईबेरिया में कोई भी जीवित न होता.’ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ये बात शुक्रवार को लखनऊ में कैबिनेट मीटिंग के बाद कही.
अखिलेश ने कहा, ‘जो बातें आयी हैं आपके सामने खासतौर पर मुजफ्फरनगर को लेकर और कई बार सवाल-जवाब में और बातचीत में जो भाषा बदल जाती है. मैं समझता हूं कि उन लोगों को अपनी भाषा पर नियंत्रण रखना चाहिए और हम लोग भी कोशिश करते हैं क्योकि आजकल कैमरा और टीवी का जमाना है. कोई बात निकलेगी तो रिकॉर्ड हो जाएगी उसके बाद तो हम लोगों के हाथ में कुछ नहीं है. सब आपके हाथ में है, आप कितनी बार रोककर के रिवाईंड करके उसी चीज को बार-बार दिखाएंगे. मैं समझता हूं कि जो कोई भी प्रेस के बीच में जाए, चाहे वो सरकार के लोग हों, हमारी पार्टी के लोग, जब पार्टी की उपलब्धियां बताने जाएं या कमियां बताने जाएं तो शब्दों का चयन ऐसा हो कि किसी की भावना को ठेस न पहुंचे.'