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UP में पिछड़ी जातियों के मंत्रियों की इज्जत नहीं करते अधिकारी: ओमप्रकाश राजभर

पिछड़ा व दिव्यांग जन कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर के मुताबिक वो पिछड़ी जाति से आते हैं इसलिए सत्ता में उन्हें उच्च जाति के मंत्रियों की तरह समान भागीदारी नहीं मिल रही है. अब इस बयान के सियासी मायने कुछ भी निकाले जाएं लेकिन इतना साफ हो गया है कि भाजपा जहां दलित मुद्दे पर अपनों की बयानबाजी से घिरती नजर आ रही थी तो अब शासकीय व्यवस्था में पिछड़ी जातियों की उपेक्षा का आरोप लगाकर उनके सहयोगी दल ने एक नया सियासी तूफान ला दिया है.

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ओमप्रकाश राजभर
ओमप्रकाश राजभर

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यूपी की भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर का कहना है कि ऊंचे ओहदों पर बैठे पिछड़ी जाति के लोग भी जातिवादी व्यवस्था के शिकार हैं और उन्हें सबके समान भागीदारी नहीं मिल रही. ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि सरकार के उच्च जाति के मंत्रियों के आगे अधिकारी दुम हिलाते फिरते हैं, जबकि पिछड़ी जाति के मंत्रियों की कोई हैसियत नहीं है.

पिछड़ा व दिव्यांग जन कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर के मुताबिक वो पिछड़ी जाति से आते हैं इसलिए सत्ता में उन्हें उच्च जाति के मंत्रियों की तरह समान भागीदारी नहीं मिल रही है.

दरअसल बहराइच के मिहीपुरवा इलाके में एक शादी समारोह में शामिल होकर ओमप्रकाश राजभर कुछ समय के लिए बहराइच जिला मुख्यालय के पीडब्लूडी डाक बंगले में रुके. बहराइच जिलाधिकारी कार्यालय को इसकी जानकारी होने के बाद भी कैबिनेट मंत्री को मिलने वाले प्रोटोकॉल, जिसमें कैबिनेट मंत्री को बाकायदा गार्ड ऑफ ऑनर दिए जाने की व्यवस्था है, नहीं दिया गया. ना ही उनसे मिलने जिले का कोई प्रशासनिक अधिकारी ही पहुंचा.

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मंत्री से मिलने उनके विभाग के ही एक आध अफसर ही पहुंचे. इस व्यवस्था व अधिकारियों के उपेक्षापूर्ण रवैये से नाराज मंत्री ओम प्रकाश ने मीडिया कर्मियों से अपना दर्द साझा करते हुए कहा कि वो राजभर जाति से आते हैं जो कि पिछड़ी जाति में, और पिछड़ी जातियों की सदियों से उपेक्षा हुई है. वो मंत्री हैं बावजूद इसके उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया गया. उनकी जगह अगर कोई ब्राह्मण राजपूत अथवा भूमिहार होता तो अधिकारी उसके पीछे दुम हिला रहे होते. उन्हें सबके समान भागीदारी नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि सरकार के इशारे पर आरक्षण समाप्त करने की साजिश रची जा रही है. बीएचयू में निकली 1200 वैकेंसी में आरक्षण नहीं दिया गया जबकि इसमें 22.5 फीसदी व 27 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए था लेकिन हर विभाग में अलग-अलग खंड कर उसमें 3- 4 वैकेंसी निकाल कर दूसरे रास्ते से आरक्षण समाप्त कर दिया गया और ये सब सरकार के इशारे पर हो रहा है.

बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब राजभर ने अपनी ही सरकार पर हमला बोला हो. इससे पहले भी कई बार वो ऐसा कर चुके हैं. इससे पहले वो मुख्यमंत्री योगी से लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि 20 तारीख को बलिया में महिलाओं द्वारा एक बड़े आंदोलन की शुरुआत होगी, अगर इस आंदोलन में जो भी दल उनका साथ नहीं देंगे, उनके खिलाफ 2019 के लोकसभा चुनाव में महिलाओं से वोट के बहिष्कार की अपील करेंगे.

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