scorecardresearch
 

नाराज राजभर ने अमित शाह से की मुलाकात, अब रख दीं ये 7 शर्तें

राजभर ने कहा कि पिछड़ी जातियों के 27 फीसदी आरक्षण में विभाजन कर या पिछली सरकार द्वारा 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का प्रस्ताव पास किया जाए.

Advertisement
X
अमित शाह और योगी आदित्यनाथ के साथ ओम प्रकाश राजभर
अमित शाह और योगी आदित्यनाथ के साथ ओम प्रकाश राजभर

Advertisement

यूपी सरकार में भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की नाराजगी अब शर्तों में तब्दील हो गई है. बुधवार को पार्टी के अध्यक्ष और योगी कैबिनेट में मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने लखनऊ पहुंचे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने शाह के सामने अपनी 7 मांगें रखी हैं.

ये हैं राजभर की सात मांगें

1- पार्टी ऑफिस के लिए भवन.

2- प्रदेश में अधिकारियों को लिखे गए पत्रों और फोन का संज्ञान न लेना व उपेक्षा करना सबसे गंभीर समस्या है.

3- पिछड़ी जातियों के 27 फीसदी आरक्षण में विभाजन किया जाए या पिछली सरकार द्वारा 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का प्रस्ताव पास किया जाए.

4- राशन कार्ड, आवास, शौचालय और पेंशन पात्र व्यक्तियों को उपलब्ध कराएं जाएं.

5- परिषदीय विद्यालयों में खाली पदों पर अध्यापकों की नियुक्ति तथा संविदा पर नियुक्ति की जाए.

Advertisement

6- सरकार के विभिन्न विभागों में दिव्यांग जनों का कोटा विशेष अभियान चलाकर नियमित नियुक्ति कर भरा जाए.

7- हर विधानसभा में कम से कम 500 दिव्यांग जनों को मोटर ट्राई साइकिल उपलब्ध कराई जाएं.

उपेक्षा की करते रहे हैं शिकायत

यूपी सरकार में पिछड़ा कल्याण मंत्री ओमप्रकार राजभर पिछले साल सरकार बनने के बाद से ही अपनी उपेक्षा के आरोप लगाते रहे हैं. हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव से पहले उनकी नाराजगी एकदम आसमान छू गई थी. राजभर ने समस्या पर चर्चा के लिए यूपी के बीजेपी नेताओं से बात करने तक के लिए मना कर दिया था. जिसके बाद अमित शाह ने उनसे मिलकर राजी किया था और उनके विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवारों को समर्थन दिया.

राज्यसभा चुनाव के बाद भी ओमप्रकाश राजभर का रवैया वैसा ही नजर आ रहा है. जिसके बाद बुधवार को अमित शाह लखनऊ पहुंचे तो उन्होंने मुख्यमंत्री आवास पर योगी आदित्यनाथ के साथ राजभर से मुलाकात की.

राजभर के इन तेवरों के पीछे एक बड़ी वजह सपा-बसपा को गठजोड़ भी है, जिसने 2019 के मद्देनजर बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है. ऐसे में बीजेपी लोकसभा सीटों के लिहाज से सबसे बड़े राज्य यूपी में अपने सहयोगियों को खोकर किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं उठाना चाहेगी.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement