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ओम प्रकाश राजभर ने दिया अटकलों को विराम, कहा- भविष्य में BJP के साथ कोई गठबंधन नहीं

ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि हम बीजेपी के किसी नेता के संपर्क में नहीं हैं और अब तक किसी बीजेपी नेता ने मुझसे संपर्क नहीं किया है. उन्होंने कहा कि भाजपा विधानसभा चुनाव से पहले पिछड़े वर्गों और दलितों के नेताओं को लुभाने की कोशिश कर सकती है. 

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ओम प्रकाश राजभर (फाइल फोटो)
ओम प्रकाश राजभर (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ओम प्रकाश राजभर ने अटकलों पर लगाया विराम
  • किसी बीजेपी नेता के सम्पर्क में नहीं: राजभर

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के नेता ओम प्रकाश राजभर ने रविवार को उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी पर समाज के पिछड़े वर्गों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए भाजपा के साथ फिर से गठबंधन करने से इनकार किया. एसबीएसपी ने 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन किया था, लेकिन बाद में अलग हो गए. बता दें कि यूपी में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं.

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राजभर ने पीटीआई से बात करते हुए कहा, 'भविष्य में बीजेपी के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा. हम बीजेपी के किसी नेता के संपर्क में नहीं हैं और अब तक किसी बीजेपी नेता ने मुझसे संपर्क नहीं किया है.' उन्होंने कहा कि भाजपा विधानसभा चुनाव से पहले पिछड़े वर्गों और दलितों के नेताओं को लुभाने की कोशिश कर सकती है. 

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने पिछड़े नेताओं को पीछे छोड़ दिया और यहां तक ​​कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भी योगी ​​आदित्यनाथ सरकार में अनदेखा किया गया है. उन्होंने बीजेपी को 'भारतीय झूठ पार्टी' करार देते हुए कहा कि बीजेपी ने पिछड़े वर्ग को धोखा दिया है और आने वाले चुनाव में सरकार की विदाई तय है.

गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में एसबीएसपी ने आठ सीटों पर चुनाव लड़ा और चार पर जीत हासिल की. राजभर को कैबिनेट मंत्री बनाया गया, लेकिन बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.

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पूर्वांचल में राजभर अहम फैक्टर

पूर्वांचल के कई जिलों में राजभर समुदाय का वोट राजनीतिक समीकरण बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखता है. यूपी में राजभर समुदाय की आबादी करीब 3 फीसदी है, लेकिन पूर्वांचल के जिलों में राजभर मतदाताओं की संख्या 12 से 22 फीसदी है.

राजभर समुदाय घाघरा नदी के दोनों ओर की सियासत को प्रभावित करता है. गाजीपुर, चंदौली, मऊ, बलिया, देवरिया, आजमगढ़, लालगंज, अंबेडकरनगर, मछलीशहर, जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर और भदोही में इनकी अच्छी खासी आबादी है, जो सूबे की करीब चार दर्जन विधानसभा सीटों पर असर रखते हैं.

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