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वाराणसी में 'आजतक' के कार्यक्रम 'पंचायत आजतक' के 'कॉरिडोर का कमाल' सत्र में विश्वनाथ मंदिर के प्रमुख अर्चक पंडित श्रीकांत शर्मा, मंदिर न्यास समिति परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय और सदस्य दीपक मालवीय ने हाल ही में तैयार हुए कॉरिडोर से जुड़े कई सवालों पर खुलकर अपनी राय रखी.
विश्वनाथ मंदिर के प्रमुख अर्चक पंडित श्रीकांत मिश्रा ने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम के कॉरिडोर का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प का बेहतर उदाहरण है. वहीं मंदिर न्यास समिति परिषद के अध्यक्ष नागेंद्र पांडेय ने कहा कि आम जनमानस को हिंदुत्व को समझना चाहिए. उनमें धर्म और संस्कृति के प्रति आस्था होना चाहिए. उनमें मानवीय गुण होने चाहिए, दूसरे धर्म के प्रति आदरभाव होना चाहिए. वहीं न्यास परिषद के सदस्य पंडित दीपक मालवीय ने कहा कि मंदिर का विस्तारीकरण सरकार की दूरदर्शिता और साहस को दर्शाता है.
विश्वनाथ मंदिर के प्रमुख अर्चक पंडित श्रीकांत मिश्रा ने कॉरिडोर के परिकल्पना शुरू होने के सवाल पर बताया कि जहां अभी कॉरिडोर है, वहां पहले दो या तीन मोहल्ले हुआ करते थे. करीब 350 घर थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन था कि काशी की पौराणिकता का खरोंच लगे बिना काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण करना है. अब यहां कॉरिडोर भव्य आकार ले चुका है, इसका लोकार्पण भारत के विश्वगुरू बनने का बड़ा संदेश है. यहां अब श्रद्धालुओं और भक्तों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है.
दो-दो बार कोरोना के बाद भी 39 महीने में कॉरिडोर दिख रहा है. इस सपने को पूरा करने में सभी का योगदान रहा है. वाराणसी में आने वाले हर व्यक्ति का केंद्र बाबा विश्वनाथ और गंगा का किनारा होता है. अब दोनों को मोदी ने जोड़ दिया है. ललिता घाट से बाबा को जोड़ दिया गया है. इससे हम गौरव की अनुभूति करते हैं.
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय ने कहा कि नया इतिहास करवट लेता है तो नए अक्षरों में नई बात लिखी जाती हैं. जब-जब इतिहास परिवर्तन लेता होगा, ऐसा दृश्य होता होगा. अखंड भारत की आस्था अनादि काल से काशी की भव्यता, श्रेष्ठता का भाव जनता में भरा था. यहां जो भी आता होगा यहां कि गलियों में जो असुविधा होती होगी, चला जाता होगा... वो चला जाता है.. लेकिन जो महसूस कर लेता है वही इतिहास बनाता है.
उन्होंने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी चाहते तो गुजरात से चुनाव लड़ते और भारी मतों से जीत भी जाते. लेकिन, वे धारा के विपरित चलते हैं. जब वे यहां से चुनाव लड़ने आए तो उन्हें कोई ज्यादा नहीं जानता था. पहले दिन कहा कि मैं स्वंय नहीं आया हूं ,मुझे मां गंगा ने बुलाया है. इसके पीछे गंभीर भाव ये था कि वे गंगा जी, विश्वासनाथ जी की सेवा करने आए हैं. काशी की स्वच्छता के लिए पहला हथौड़ा भी पीएम मोदी ने खुद अस्सी घाट पर चलाया. अब यहां के लोगों में परिवर्तन हुआ है.
नागेंद्र पांडेय ने कहा कि पीएम मोदी ने कम समय में हर संकल्प को पूरा किया है. बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद उन्हें है. उन्होंने कहा कि कॉरिडोर के लिए जिसका भी घर हटा, इतना संतुष्ट कर दिया गया कि उन्हें लगता है कि अब उनके पुरखों को भी कोई दिक्कत नहीं होगी.
पांडेय ने कहा कि पहली बार है कि चुनाव में हिंदु और हिंदुत्व की चर्चा हो रही है. इससे पहले सिर्फ समाजवाद, लोहियावाद, जातिवाद और अन्य वाद की चर्चा होती थी.
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के सदस्य पंडित दीपक मालवीय ने कहा कि मंदिर का विस्तारीकरण सरकार के साहस और दूरदर्शिता को दिखाता है. यहां करीब 350 से ज्यादा मकान थे. मकानों को हटाने के बाद कॉरिडोर का अब जो स्वरूप है वो अद्भुत है. ये समय काशी विश्वनाथ का स्वर्णिम काल है. ये काल धर्म की रक्षा करने वालों के लिए आनंद का समय है. इस तरह के काम होते रहेंगे जिसका हम स्वागत करते रहेंगे.
उन्होंने कहा कि वाराणसी में बाहर से आए हुए लोग इसकी कल्पना नहीं कर सकते हैं कि सुबह चार बजे गंगा के किनारे बच्चे, महिलाएं, बूढ़े, विद्यार्थी हर तरह के लोग एक साथ मिल जाएंगे. उन्होंने कहा कि कॉरिडोर के लोकार्पण के दौरान पीएम मोदी ने रीति रिवाजों के मुताबिक ही पूजा की है. काशी की संस्कृती को उदाहरण के तौर पर धर्म परंपरा के नाम पर देखी जाती है, इसके जैसा कोई दूसरा देश नहीं है.