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यूपी: डिलीवरी करवाने आए मां-बाप, बच्ची हुई तो अस्पताल में ही छोड़ गए

बच्ची के पिता से आजतक ने फोन पर बात की, उनका कहना है कि उनके पास पहले से 5 बच्चे हैं. हाल में पैदा हुई नवजात को अभी लम्बे समय तक मेडिकल सुपरविजन की जरूरत होगी, जबकि उनकी माली हालत उतनी अच्छी नही है,

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अस्पताल में नवजात बच्ची
अस्पताल में नवजात बच्ची
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बच्ची की हालत अभी स्थिर बताई जा रही है
  • दो बच्चियां हुईं थीं पैदा, एक मर गई
  • अस्पताल ने कहा है- हम करेंगे देखभाल

गाजियाबाद का प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग एक अजीब से परेशानी में फंस गया है. दरअसल जिले के विजयनगर इलाके में बीती 16 मार्च की रात को एक महिला ने सार्वजनिक शौचालय में दो जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया था. बच्चियां समय से कुछ महीने पहले पैदा हुई थीं इस कारण इनमें से एक की मौत हो गई थी. अब मां और बाप दूसरी बच्ची को अस्पताल (फ्लोरेंस हॉस्पिटल गाजियाबाद) में छोड़ कर चले गए. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इस दंपत्ति के पहले से 5 बच्चे हैं और जिनमें से 4 लड़कियां हैं, इस कारण शायद ये परिवार इस बच्ची को रखना नहीं चाहता है.

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अस्पताल के आईसीयू में 4 दिन की बच्ची को न अपने मां का प्यार मिला है, ना पिता का दुलार. इस बच्ची का जन्म समय से पहले 16 मार्च को गाजियाबाद के विजय नगर में एक शौचालय में हुआ था. दो जुड़वां बच्चियों को महिला ने जब शौचालय में जन्म दिया तो आनन-फानन में पुलिस ने पास के एक निजी अस्पताल में उसे भर्ती करवाया. दुर्भाग्य से एक बच्ची की मौत हो गई. वहीं इस बच्ची को इसके माता-पिता छोड़ कर चले गए.

बच्ची के पिता से भी आजतक ने फोन पर बात की. उनका कहना है कि उनके पास पहले से 5 बच्चे हैं. और उनके अनुसार हाल में पैदा हुई नवजात को अभी लम्बे समय तक मेडिकल सुपरविजन की जरूरत होगी, जबकि उनकी माली हालत भी उतनी अच्छी नहीं है. ऐसे में वो चाहते हैं कि बच्ची को कोई ऐसा शख्स या संस्था अपनाए जो उसका अच्छे से ध्यान रख सके. हालांकि अस्पताल के डॉक्टर के अनुसार वो बच्ची का सारा ध्यान रख रहे हैं, और अगर आगे भी बच्ची का ध्यान रखना पड़ा तो वो बच्ची की देखभाल करेंगे. अस्पताल के अनुसार फिलहाल बच्ची की हालत स्थिर है.

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हालांकि इस मामले में गाजियाबाद का जिला प्रशासन पुलिस विभाग और स्वास्थ्य विभाग लगातार नजर रखे हुए हैं, खुद आला अधिकारी लगातार डॉक्टरों के संपर्क में हैं. अस्पताल ने भी कह दिया है कि अगर इस बच्ची के मां-बाप ने इसे नहीं अपनाया तो इस बच्ची का पूरा लालन-पालन अस्पताल की तरफ से किया जाएगा.

 

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