उत्तर प्रदेश के दादरी के बिसहेड़ा गांव में बीफ को लेकर फैले अफवाह के बाद इखलाक की हत्या से उपजे तनाव को खत्म करने और इलाके में शांति कायम करने के लिए बुधवार दोपहर शांति बैठक हुई. जिला प्रशासन ने दोपहर एक बजे दादरी में शांति के लिए बैठक बुलाई थी. इस बैठक में गांववालों ने साफ कहा कि यहां कोई तनाव नहीं है.
बैठक में गांववालों ने कहा कि गांव में और इलाके में सबकुछ शांत है. स्थानीय लोगों ने कहा कि इस मामले को लेकर नेताओं के लगातार बयानों से माहौल बिगड़ रहा है.
गांववालों ने कहा यहां के लोगों के बीच कोई तनाव नहीं है और सब लोग मिल-जुलकर रह रहे हैं.
यूपी सरकार की रिपोर्टइससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने दादरी घटना की एक विस्तृत रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी थी. इस रिपोर्ट में सरकार ने मोहम्मद इखलाक की हत्या के लिए जिम्मेदार किसी भी कारण का उल्लेख करने से परहेज किया है. रिपोर्ट में बीफ या गोहत्या जैसे शब्दों का भी कोई जिक्र नहीं हैं. सोमवार की रात उत्तर प्रदेश सरकार ने दो पन्नो की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी है. रिपोर्ट में 'बीफ या गोहत्या' शब्द का उल्लेख किए बिना राज्य सरकार ने बताया कि मृतक पर 'प्रतिबंधित पशु का मांस' रखने का आरोप था इसलिए उसे मार डाला गया.
तनाव फैलाने वालों पर सख्तीउधर, ग़हमंत्री राजनाथ सिंह ने दादरी मामले में जनता से साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने लोगों से आपसी प्रेम सौहार्द को कायम रखने के लिए कहा. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में एक सेमिनार में कहा कि जातीय तनाव फैलाने वालों को किसी कीमत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
क्या है पूरा मामला...ग्रेटर नोएडा के बिसहेड़ा गांव में 28 सितंबर की रात बीफ की अफवाह फैली. मंदिर में लाउडस्पीकर से ऐलान हुआ कि एक घर में बीफ यानी गोमांस खाया जा रहा है. इसके बाद बेकाबू भीड़ ने बिसहेड़ा गांव में रहने वाले पचास साल के इखलाक के घर में घुसकर तलाशी ली. मांस के कुछ टुकड़े मिलने के बाद इखलाक को इतनी बुरी तरह पीटा गया कि 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई. प्रशासन ने बीफ के आरोप में मर्डर करने वाले और हत्या के बाद हिंसा के आरोप में 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया.