लोग नोटबंदी से जितने परेशान हैं, अब उससे ज्यादा इस बात से परेशान है कि सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया हर रोज नए नियम लागू कर रही है जिसे कंफ्यूजन बढ़ रहा है. दो दिन पुराने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के आदेश के बाद 5000 रुपये से ज्यादा पुराने नोट जमा करने पर लोगों को जो फॉर्म भरना पड़ रहा था उससे लोगों में काफी नाराजगी थी और बैंक के कर्मचारियों को भी ग्राहकों का गुस्सा झेलना पड़ रहा था. बुधवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने इस आदेश को पलटते हुए केवाईसी कस्टमर के लिए नियमों में ढील दे दी. 5,000 से ज्यादा पुराने नोट एक बार में ही जमा करने की पाबंदी भी हटा ली गई है . आरबीआई की ओर से नोट बंदी के बाद यह साठंवा आदेश जारी कर चुका है.
इस आदेश के बाद जब बैंकों में हाल जाकर देखा तो कस्टमर परेशान ही दिखे. बैंक अभी भी लोगों को 5,000 से ज्यादा पुराने नोट जमा करने पर फॉर्म भरने को मजबूर कर रहे हैं. इस बारे मैं पूछे जाने पर बैंक का साफ कहना है कि जब तक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का आदेश उनके पास लिखित रूप में नहीं आ जाता वह लोगों से यह फॉर्म भरवाते रहेंगे. कैश निकालने की लाइन में लगे लोग खासे परेशान नजर आए और उनका कहना था कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया हर दिन नए आदेश जारी करता रहता है जिसकी बैंक वालों को भी खबर नहीं होती इससे उनकी परेशानी और ज्यादा बढ़ गई है.
रिजर्व बैंक ने वापिस लिया फैसला
हालांकि रिजर्व बैंक ने अपना इस आदेश को वापस ले लिया है. आज तक, इंडिया टुडे ने इस फैसले के बाद लोगों की दिक्कतों को उजागर किया था. इसका असर हुआ है. रिजर्व बैंक ने इस बारे में अपना सर्कुलर वापस लेते हुए कहा है कि अगर किसी का खाता पूरी तरह से केवाईसी मानक के अनुरूप है तो वह बिना पूछताछ के चाहे जितनी रकम, कितनी बार भी 30 दिसंबर तक जमा कर सकता है.