उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृहनगर कौशांबी जिले में एक ऐसा गांव है जहां लोग अपनी बेटियों की शादी करने से डरने लगे हैं. यहां पीने का पानी खारा होने के कारण लोग बेटियों की शादी इस गांव में करने को तैयार नहीं होते हैं.
इस गांव में युवकों का दूल्हा बनने का सपना मुश्किल से पूरा होता है. हर घर जल योजना आने के बाद अब लोगों को उम्मीद है कि उनका गांव एक बार फिर से गुलज़ार होगा. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के गृहनगर सिराथू से सटा बरइनका पूरा गांव है.
गांव की कुल आबादी 200 के आसपास हैं. पानी पीने के लिए हैंडपंप लगाए गए लेकिन पीने का पानी खारा निकल रहा है. यहां लोग पीने योग्य पानी दो किलोमीटर दूर से भर कर लाते हैं.
सिराथू तहसील क्षेत्र के बराइन का पुरवा गांव में कई सालों से हैंडपम्प से खारा पानी निकल रहा है. गांव में मौजूद कुआं मीठा पानी दे रहा था, लेकिन इधर तीन चार सालों से कुएं ने भी लोगों को निराश कर दिया है. इससे गांव के लोगों के सामने पीने के पानी की बड़ी मुसीबत खड़ी हो गयी.
लोगों को गांव से दो किलोमीटर दूर दूसरे गांव से पीने का पानी लाना पड़ता है. ऐसे में जिस घर में लड़के होते हैं वो तो आसानी से पानी ले आते हैं लेकिन जिनके घर पर कोई आदमी नहीं होता है उसके लिए दो किलोमीटर दूर से पानी लाना बड़ी मुसीबत का सबब बनता है.
गांव के ज्यादातर लोग कमाने के लिए मुंबई में रहते है. इसलिए इस गांव के बच्चे सुबह स्कूल जाने से पहले पीने के पानी का इंतेज़ाम करते हैं फिर स्कूल जाते हैं. इस समस्या को लेकर जल निगम के सहायक अभियंता राजीव सिंह ने बताया कि सिराथू के बरइन का पुरवा गांव में खारे पानी की शिकायत हमें भी मिली थी.
उन्होंने कहा, अब जल जीवन मिशन के द्वारा जो काम हो रहा है इससे लोगों को अभी तक हैंडपंप या दूसरे स्रोतों से पानी मिलता है, उसमें कहीं कहीं खारा पानी आ रहा है. ये शिकायत इस गांव के अलावा कहीं और नहीं मिली है. हर घर नल से जल योजना के तहत जल्द ही इस गांव को जल मिलेगा जिससे लोगों की खारा पानी की समस्या दूर हो जाएगी.