यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उनकी पत्नी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की सीबीआई जांच की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में याचिकाकर्ता जगदीश नारायण शुक्ला के वकील ने कहा कि पूर्व मंत्री के खिलाफ करीब 1200 पन्नों के दस्तावेज हैं, जिन्हें पढ़ने और जांच करने में यूपी सरकार को तीन साल से अधिक का समय लग गया.
याचिकाकर्ता के वकील एमसी डींगरा ने शुक्रवार को कोर्ट से यूपी सरकार की स्टेटस रिपोर्ट पर जवाब देने के लिए चार हफ्तों का वक्त लिया है. यूपी सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करते हुए कहा है कि लोकायुक्त की रिपोर्ट पर सतर्कता विभाग लगातार जांच कर रहा है. सुनवाई की शुरुआत में यूपी सरकार ने कोर्ट को बताया कि हलफनामा दाखिल कर दिया गया है और सतर्कता विभाग सभी मामलों की लगातार जांच कर रहा है.
लोकायुक्त रिपोर्ट में स्वतंत्र एजेंसी से जांच की बात
याचिकाकर्ता की तरफ से आपत्ति जताते हुए कहा गया कि करीब 12 सौ पन्नों के दस्तावेजों की स्टडी करने में सतर्कता विभाग को तीन साल लग गए, जबकि मामले में कोई प्रगति नहीं हो रही है. वकील डींगरा ने मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि लोकायुक्त की रिपोर्ट में भी स्वतंत्र एजेंसी जैसे सीबीआई से जांच की बात कही गई है.
तीन रिपोर्ट में से एक के आधार पर केस दर्ज
वकील डींगरा के मुताबिक, बीएसपी नेता नसीमुद्दीन और उनकी पत्नी हुस्ना सिद्दीकी के खिलाफ लोकायुक्त ने तीन रिपोर्ट पेश की हैं, जिनमें सीधे तौर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं. इनमें से केवल एक रिपोर्ट के आधार पर ही बांदा कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया गया, जबकि दो और रिपोर्ट के आधार पर केवल जांच की बात कहकर मामला टाला जा रहा है.
एक रिपोर्ट में 1400 करोड़ के घोटाले के दस्तावेज
याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि केवल एक रिपोर्ट में ही 1400 करोड़ रुपये के घोटाले के दस्तावेज मिले हैं. यदि सीबीआई जांच होगी तो इस भ्रष्टाचार से जुड़े कई सफेदपोश लोग भी सीबीआई जांच में सामने आ सकते हैं.
सिद्धीकी दंपति पर ये हैं आरोप
नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उनकी पत्नी हुस्ना सिद्दीकी के खिलाफ पार्कों, स्मारकों आदि के निर्माण में अनियमितता और नोएडा व लखनऊ शहर में बलुए पत्थर की आपूर्ति में हुए भष्ट्राचार के मामले शामिल हैं.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी सरकार ने अदालत को एक स्टेटस रिपोर्ट सौंपी है. इसमें कहा गया है कि यूपी सरकार का सतर्कता विभाग सभी मामलों की जांच में लगा हुआ है. जांच के दौरान नसीमुद्दीन ने तमाम दस्तावेज सतर्कता विभाग को सौंपे हैं, जिनका अवलोकन चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम सुनवाई में बांदा कोतवाली में दर्ज मुकदमे की भी स्टेटस रिपोर्ट सौंपने को कहा था.